श्रीनगर. मध्य कश्मीर के श्रीनगर जिले में सिख युवाओं के एक समूह ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान स्थानीय लोगों के बीच पानी की बोतलें और खजूर वितरित किए. यह पहल धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेदों से ऊपर उठकर मानवता और भाईचारे की मिसाल कायम कर रही है.
कश्मीरी सिख युवाओं ने श्रीनगर के सबसे व्यस्त बाजार लाल चौक में, महीने के अंत में रोजा खोलने के अवसर पर, इफ्तार के समय कश्मीरी मुसलमानों को भोजन और पेय उपलब्ध कराया. यह सेवा सिख समुदाय की मानवतावाद की भावना और मानवता की सेवा के सिद्धांतों को दर्शाती है, जिसकी जम्मू-कश्मीर में व्यापक सराहना हो रही है.
सामाजिक कार्यकर्ता साइका जान ने कहा कि सिख युवाओं का यह निस्वार्थ कार्य भाईचारे और आपसी सम्मान का एक सुंदर उदाहरण है. उन्होंने आगे कहा, ‘‘सिख समुदाय, जिसने हमेशा निस्वार्थ सेवा के सिद्धांत का पालन किया है, मानवता की सेवा के लिए हर कठिन समय में आगे बढ़ा है. चाहे वह 2014 की विनाशकारी बाढ़ हो या जम्मू-कश्मीर में कोविड-19 महामारी की चुनौती, सिख समुदाय ने हमेशा जरूरतमंदों की मदद की है.;;
अदनान डार नामक एक छात्र ने इस कदम को करुणा और भाईचारे का प्रतीक बताते हुए कहा, ‘‘जब दुनिया में कुछ लोग लोगों को बांटने में व्यस्त हैं, कश्मीर में हम सिख, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी भाई-बहन की तरह रहते हैं. हम हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं, चाहे वह खुशी का समय हो, दुख का समय हो या कोई आपातकाल हो.’’
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक और सामाजिक नेताओं के साथ-साथ अन्य संगठनों ने भी सिख युवाओं की इस पहल की सराहना की और इसे सांप्रदायिक सद्भाव के लिए आशा की किरण बताया. उन्होंने कहा कि यह उदाहरण साबित करता है कि कश्मीर में विभिन्न धर्मों के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं.