मट्टन. महाशिवरात्रि के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के मार्तंड सूर्य मंदिर में भगवान शिव को जल चढ़ाने वाले दर्जनों भक्तों में एक मुस्लिम जोड़ा भी शामिल था. हरियाणा के कुरुक्षेत्र की रहने वाली जोया खान ने कहा, ‘‘यह हिंदुओं (महाशिवरात्रि) और मुसलमानों (शब-ए-मेराज) दोनों के लिए एक शुभ अवसर है और ऐसा नहीं है कि हम मुसलमान (मुस्लिम) मंदिर नहीं जा सकते.
जोया ने अपने पति फैजान खान के साथ पूजा की. वो कहती हैं, ‘‘यह हमारे लिए प्रार्थना का दिन है और आज शिवरात्रि है. हमने सोचा कि हम देखेंगे कि वे इसे यहां कैसे मनाते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने शिवजी को जल चढ़ाया है. यह दांपत्य जीवन के लिए अच्छा माना जाता है. मेरी मां ने भी मुझे इसके बारे में बताया है. हम मुसलमान हैं, लेकिन हमें यह परंपरा पसंद है. इसलिए हम इसका पालन करते हैं.’’
जोया ने कहा कि कश्मीर आने से पहले उन्हें लगा था कि घाटी में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक तनाव है. उन्होंने बताया, ‘‘यहां आने से पहले, हमने सोचा था कि हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक तनाव हो सकता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है. लोगों को इसके बारे में तब तक पता नहीं चलेगा जब तक कि वे वहां नहीं जाते.’’
यह उत्सव श्रीनगर शहर के डलगेट स्थित शंकराचार्य मंदिर में भी मनाया गया. जम्मू के शुभम ने बताया, “मैं यहां अपने चाचा के साथ पंडित के रूप में शिवरात्रि पूजा में भाग लेने आया था. हमने 3 बजे पूजा शुरू की. यह मंदिर महत्वपूर्ण है, क्योंकि शकराचार्य ने यहां ध्यान लगाया था. उन्होंने शिवलिंग को भी अपने कंधों पर उठा लिया और यहां रख दिया था.”
आधी रात में पूजा में शामिल होने वाले भक्तों में एक कश्मीरी पंडित राकेश रैना भी शामिल थे. रैना ने कहा, ‘‘हम प्रार्थना करते हैं और कामना करते हैं कि भगवान शिव सभी पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें ताकि हाल ही में तुर्की में जो कुछ हुआ, जैसी आपदाएं दोबारा न आएं.’’
मुंबई की एक पर्यटक ज्योति यहां पूजा के लिए की गई व्यवस्था से प्रभावित हुई. उन्होंने कहा, ‘‘हमने यहां दर्शन किए, यहां का प्रबंधन बहुत अच्छा है.’’