कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में गुरुवार को रेलवे ट्रैक के किनारे रोहिंग्या की अवैध बस्तियों पर प्रशासन का बुलडोजर चलने से इलाके में हड़कंप मच गया. इस कार्रवाई में 50 से अधिक कच्चे-पक्के अवैध कब्जों को ध्वस्त कर दिया गया. यह कदम साबरमती एक्सप्रेस हादसा और कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश के मामलों की जांच के बीच उठाया गया, जिससे रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके.
दरअसल, एक दिन पहले ही पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और प्रयागराज मंडल के डीआरएम हिमांशु बड़ोनी ने ट्रैक के किनारे अवैध कब्जों का निरीक्षण किया था और उन्हें जल्द से जल्द हटाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद, 24 घंटे के भीतर सेंट्रल स्टेशन के सिटी साइड गेट नंबर चार के सामने स्थित रेलबाजार और फेथफुलगंज बाजार की फुटपाथों पर बने अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया गया. इस कार्रवाई से अवैध कब्जा धारकों में अफरा-तफरी मच गई.
कार्रवाई के अगले दिन, आरपीएफ और जीआरपी ने गंगाघाट से सेंट्रल स्टेशन तक एक संयुक्त जागरूकता अभियान चलाया. इस अभियान के तहत ट्रैक किनारे बसी झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर वहां के प्रमुख लोगों से बातचीत की गई. आरपीएफ सेंट्रल प्रभारी बीपी सिंह, क्राइम ब्रांच के अजीत तिवारी, और जीआरपी प्रभारी ओएन सिंह की अगुवाई में टीमें झुग्गियों में पहुंचीं और स्थानीय निवासियों को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए मोबाइल नंबर साझा किए.
लोगों से अपील की गई कि अगर उन्हें ट्रैक पर कोई संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु दिखाई दे, तो वे तुरंत अधिकारियों को गुप्त सूचना दें, ताकि रेलवे ट्रैक की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
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