झारखंड का चुनाव तय करेगा बांग्लादेशी घुसपैठिए राज करेंगे या खदेड़े जाएंगे : हिमंता बिस्वा सरमा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-11-2024
Himanta Biswa Sarma
Himanta Biswa Sarma

 

कोडरमा. असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर शुक्रवार को झारखंड की झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार पर एक बार फिर जुबानी हमला बोला. कोडरमा विधानसभा सीट के मरकच्चो में भाजपा प्रत्याशी डॉ. नीरा यादव के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी जिला नहीं है, जहां बांग्लादेशी घुसपैठिए मौजूद नहीं. ये लोग झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के वोट बैंक बन चुके हैं. चुनाव में घुसपैठियों का वोट शत-प्रतिशत इन्हीं पार्टियों को जाएगा. ऐसे में हिंदू मतदाता अगर एकजुट होकर घुसपैठियों के खिलाफ वोट नहीं करते तो उनका मनोबल और बढ़ेगा.

सरमा ने कहा कि इस चुनाव में फैसला होना है कि घुसपैठिए झारखंड में बने रहेंगे या यहां से खदेड़े जाएंगे. हमारा वादा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही इन्हें कानून के रास्ते लात मारकर यहां से भगाया जाएगा. झारखंड अलग राज्य इसलिए नहीं बना था कि यह घुसपैठियों के हाथ में चला जाए. अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड इसलिए भी नहीं बनाया था कि यहां बालू के माफिया बनें, दलाल पैदा हों और आलमगीर आलम एवं इरफान अंसारी जैसे लोगों के घरों से करोड़ों रुपए बरामद हों.

उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की जनता से झूठ बोलने का रिकॉर्ड बनाया है. अगर सबसे ज्यादा झूठ बोलने के लिए देश में कोई डॉक्टरेट की डिग्री हो तो वह हेमंत सोरेन को मिलेगी. उन्होंने राज्य की बेटियों से वादा किया था कि शादी में उन्हें सरकार की ओर से सोने का सिक्का या 51 हजार रुपए दिए जाएंगे. क्या किसी को यह मिला? उन्होंने महिलाओं को हर साल 72 हजार रुपए देने का वादा किया था. साढ़े चार साल तक तो सोए रहे और जब जाने का वक्त आया तो मंईयां योजना के नाम पर एक हजार रुपए दे रहे हैं. मंईयां को एक हजार रुपए देने पर भाजपा की आपत्ति नहीं है, लेकिन सोरेन यह बताएं कि हमारे माता-पिता को मिलने वाली बुजुर्ग पेंशन क्यों बंद कर दिया?

इससे पहले सरमा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन उन पर बाहरी होने का आरोप लगा रहे हैं और हमें यहां से भगाने की बात कह रहे हैं. असम से क्या हिमंता बिस्व सरमा झारखंड नहीं आ सकते, तो एक विशेष समुदाय के लोगों को ही यहां ग्रीन कार्ड है क्या? अगर ऐसा है तो झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर को निकालो, फिर अगले दिन मुझे भी निकाल दो. लेकिन, पहले मीर को जाने को कहो. मीर को आप क्यों नहीं बोलते हो, वह बाहर का है. ये देश आप एक विशेष समुदाय के तुष्टीकरण से नहीं चला सकते.

 

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