मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल)
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल के जंगीपुर इलाके में भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि घटना के संबंध में स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर लिया गया है और स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
जंगीपुर के पुलिस अधीक्षक आनंद रॉय ने बताया,
"अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हमने स्वतः संज्ञान लेते हुए माम दर्ज किया है. इलाके में शांति बहाल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं."
एसपी रॉय के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से आठ लोगों को पुलिस हिरासत में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि हिंसा के दौरान पत्थरबाजी हुई और दो पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
हिंसा की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू कर दी है, जो "उपद्रव या संभावित खतरे की स्थिति में तत्काल आदेश जारी करने" की शक्ति प्रदान करती है. साथ ही, इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहें न फैल सकें और कानून व्यवस्था बनी रहे.
घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश को साझा करते हुए बताया कि बीएनएसएस की धारा 163 के अंतर्गत धारा 144 जैसी निषेधाज्ञा लागू की गई है, जिसके तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई गई है.
मालवीय के अनुसार, यह निषेधाज्ञा 8 अप्रैल से 10 अप्रैल तक, कुल 48 घंटों के लिए प्रभावी रहेगी.
पृष्ठभूमि
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में असंतोष देखने को मिल रहा है. मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्ग इस संशोधन को धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप मानते हैं। जंगीपुर में हुआ यह विरोध प्रदर्शन भी इसी असंतोष का हिस्सा था, जो देखते ही देखते हिंसक रूप ले बैठा.