रामबन (जम्मू-कश्मीर), 21 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश और बादल फटने के कारण हुए भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को पूरी तरह बाधित कर दिया है. यह राजमार्ग सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी बंद रहा.
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के वरिष्ठ अधिकारी पुरुषोत्तम कुमार के अनुसार, राजमार्ग से भारी मलबा हटाने और यातायात बहाल करने में कम से कम पांच से छह दिन लग सकते हैं. उन्होंने बताया कि सीरी और मारूग के बीच करीब चार किलोमीटर लंबे हिस्से में कुछ स्थानों पर 20 फुट से भी अधिक ऊंचा मलबा जमा हो गया है, जिससे राहत कार्य काफी मुश्किल हो गया है। यहां तक कि भारी मशीनें भी मलबे में दब गई हैं.
रविवार को आई इस आपदा में दो नाबालिग भाई-बहन समेत तीन लोगों की जान चली गई, जबकि 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया. सड़कों, मकानों और वाहनों को भारी नुकसान हुआ है.
मौसम में अब सुधार हुआ है और एनएचएआई ने निजी ठेकेदारों से मशीनें मंगवाकर राहत कार्य तेज कर दिए हैं. फिर भी पंथियाल और केला मोड़ जैसे इलाकों में सड़क को काफी क्षति पहुंची है.
राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से कई यात्री फंसे हुए हैं और कई लोग अपने गंतव्य की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं. राजस्थान निवासी देवीलाल, जो कश्मीर के बडगाम जिले से लौट रहे थे, ने कहा, “सड़कें कई जगह से पूरी तरह टूट गई हैं। स्थिति बेहद खराब है.”
एक महिला जमना, जो अपने कंधे पर छोटे बच्चे को लेकर पहाड़ियों से गुजर रही थी, ने बताया कि अभी भी चट्टानें गिर रही हैं और डर का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा, “हमने दो दिन से कुछ नहीं खाया।”
वहीं, नवविवाहित जोड़ा ज़हीर अहमद और ज़हीरा बानो भी इस आपदा में फंस गए. शादी के पारंपरिक परिधान में नजर आ रहे इस जोड़े को चेनानी से रामबन तक पैदल सफर करना पड़ा. ज़हीर ने कहा, “यह बेहद थकाने वाला था, लेकिन इसने हमारे खास दिन को और यादगार बना दिया. हालांकि मैं नहीं चाहूंगा कि कोई और इस तरह की मुश्किल का सामना करे.”
यह 250 किलोमीटर लंबा राजमार्ग कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र हर मौसम में खुला रहने वाला मार्ग है, और इसका बंद होना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है.