श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने बुधवार को आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में बडगाम जिले में दो स्थानों पर छापेमारी की, अधिकारियों ने बताया.
एक अधिकारी ने बताया, "एसआईए ने आज बडगाम जिले में दो स्थानों पर छापेमारी की. छापेमारी की गई जगहों में से एक कार डीलर की है, जबकि दूसरी जगह एक व्यवसायी की है."
सूत्रों ने बताया कि एसआईए द्वारा की गई छापेमारी आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में चल रही जांच का हिस्सा है.
एसआईए स्थानीय सीआईडी की एक शाखा है और यह आतंकवाद से संबंधित अपराधों की जांच करती है. एसआईए हवाला कारोबार, आतंकवाद के वित्तपोषण और आतंकवादियों तथा आतंकी नेटवर्क को वित्तीय सहायता की जांच कर रही है.
एसआईए ने आतंकवादियों के लिए संचार चलाने और स्थापित करने में शामिल लोगों के खिलाफ भी जांच की है और बाद में नामित अदालत में आरोप पत्र पेश किए हैं.
इसने 2 सितंबर, 2020 को श्रीनगर शहर के हवाल इलाके में अपने आवास में आतंकवादियों द्वारा मारे गए अधिवक्ता बाबर कादरी की हत्या की जांच की थी. कादरी के हत्यारों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एसआईए ने 2023 में 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.
2021 में, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया कि कादरी की हत्या में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर साकिब मंजूर शामिल था. मंजूर को एक अन्य आतंकवादी 'कमांडर' के साथ श्रीनगर में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया था.
हालांकि, 2022 में पुलिस ने मामले में श्रीनगर के बरजुल्ला इलाके में मियां कयूम के आवास सहित तीन वकीलों के घरों पर छापेमारी की. पुलिस ने मामले में श्रीनगर में दो जेल कैदियों सहित पांच स्थानीय लोगों पर भी निशाना साधा था.
अपनी हत्या से पहले कादरी ने तत्कालीन हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (कश्मीर) के अध्यक्ष मियां कयूम पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. 80 वर्षीय मियां कयूम को बाद में एसआईए द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गिरफ्तार कर लिया था. एसआईटी ने दावा किया कि कादरी की हत्या में मियां कयूम की भूमिका के बारे में दस्तावेजी और तकनीकी सबूत उसके पास हैं. अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में मियां कयूम को हत्या का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है.