जम्मू-कश्मीर: भारतीय सेना की रोमियो फोर्स ने राजौरी में दिवाली मनाई

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 31-10-2024
Jammu and Kashmir: Indian Army's Romeo Force celebrated Diwali in Rajouri
Jammu and Kashmir: Indian Army's Romeo Force celebrated Diwali in Rajouri

 

राजौरी 

भारतीय सेना की रोमियो फोर्स राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन ने जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले के तापा पीर और मन्याल गांव के डीकेजी देहरा की गली में स्थानीय लोगों के साथ दिवाली मनाई.रोमियो फोर्स आरआर बटालियन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित ग्रामीणों की व्यापक भागीदारी देखी गई.

सैनिकों ने ग्रामीणों को मिठाइयाँ बाँ. त्यौहार की भावना साझा की. स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की, जिससे बंधन और विश्वास बढ़ा.दिवाली के अवसर पर, गाँव में घरों और सड़कों को रोशन करने के लिए सौर लाइटें लगाई गईं.

एक सैनिक ने  बताया, "हमें देश की सेवा करने और लोगों को खुशी देने पर गर्व है. दिवाली आशा और एकता का प्रतीक है." एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमारे गांवों में रोशनी और खुशियां लाने के लिए हम भारतीय सेना के आभारी हैं." इससे पहले दिन में, रोमियो फोर्स के जवानों ने पीर पंजाल रेंज के पहाड़ी इलाकों में 8,000 फीट की ऊंचाई पर अपने घरों से दूर दिवाली मनाई.

जवानों ने भजन गाए, मिठाइयां बांटी और रोशनी के त्योहार को मनाने के लिए फुलझड़ियां जलाईं. देश की सेवा में अपने गृहनगर से दूर तैनात सेना के जवानों ने भी जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर दिवाली मनाई.

 उन्होंने दिवाली की पूजा की, नृत्य किया, गीत गाए और त्योहार को मनाने के लिए पटाखे फोड़े. एक जवान ने  साझा किया, "हम अपने दूसरे परिवार-सेना के जवानों के साथ दिवाली मना रहे हैं. हम अपने परिवारों से दूर हैं." देश 31 अक्टूबर को दिवाली मनाता है, जिसका उत्सव धनतेरस से शुरू होता है.

'रोशनी के त्योहार' के रूप में जाना जाने वाला दिवाली अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. पांच दिवसीय उत्सव धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज के साथ समाप्त होता है. परिवार अपने घरों को दीपों से सजाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं और एकता और आशा का प्रतीक बनकर खुशी के उत्सव में हिस्सा लेते हैं.