जामिया के छात्रों ने 17 छात्रों के निलंबन के खिलाफ जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 19-02-2025
Jamia students protest at Jantar Mantar against suspension of 17 students
Jamia students protest at Jantar Mantar against suspension of 17 students

 

नई दिल्ली. जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने परिसर में प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए 17 छात्रों के निलंबन के खिलाफ बुधवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.

वामपंथी छात्र संगठनों - ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एआईडीएसओ) और अन्य - ने प्रदर्शन में भाग लिया. छात्रों ने 17 छात्रों के निलंबन को रद्द करने और प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करने की मांग की.

यह मुद्दा तब और बढ़ गया, जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले साल दिसंबर में कथित तौर पर अनधिकृत विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए दो पीएचडी विद्वानों को निलंबित कर दिया. हालांकि, छात्र कार्यकर्ताओं का तर्क है कि प्रशासन असहमति को दबाने का प्रयास कर रहा है. कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके माता-पिता से संपर्क किया और उन्हें चेतावनी दी कि अगर वे विरोध प्रदर्शन में भाग लेना जारी रखते हैं, तो उनके बच्चों के खिलाफ संभावित एफआईआर दर्ज की जाएगी.

प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए छात्रों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. 

कई छात्रों ने दावा किया कि उन्हें निलंबन नोटिस मिले हैं, जिनमें ‘बर्बरता, अनधिकृत विरोध और विश्वविद्यालय की बदनामी’ में उनकी कथित संलिप्तता का उल्लेख है.

‘असहमति जामिया की विरासत है’ और ‘कैंपस लोकतंत्र बहाल करें’ जैसे नारे लिखे बैनर पकड़े हुए, प्रदर्शनकारी अनुशासनात्मक कार्रवाई वापस लेने, कैंपस विरोध प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करने वाले 2020 के कार्यालय ज्ञापन को निरस्त करने, भित्तिचित्रों और पोस्टरों के लिए 50,000 रुपये के जुर्माने को हटाने और छात्रों को प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना नहीं करने का आश्वासन देने की मांग कर रहे हैं.

कुछ छात्रों का दावा है कि अक्टूबर 2024 में कुलपति मजहर आसिफ के कार्यभार संभालने के बाद से इस तरह की कैंपस गतिविधियों पर प्रतिबंध और बढ़ गए हैं.

एक एक्टिविस्ट सोनाक्षी ने कहा, ‘‘2023 में हमने छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई किए बिना प्रतिरोध दिवस मनाया, लेकिन 2024 में कारण बताओ नोटिस भेजे गए और जांच शुरू की गई.’’