जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने संभल में मुस्लिम युवकों की हत्या की निंदा की

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 27-11-2024
Jamaat-e-Islami Hind condemned the killing of Muslim youth in Sambhal
Jamaat-e-Islami Hind condemned the killing of Muslim youth in Sambhal

 

नई दिल्ली

 मीडिया को जारी एक बयान में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मलिक मोतसिम खान ने कहा, "उत्तर प्रदेश के संभल में पुलिस की गोलीबारी में निर्दोष मुस्लिम युवकों की जान चली गई. हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं.

पुलिस की यह ज्यादती राज्य के उत्पीड़न और भेदभाव का ज्वलंत उदाहरण है. देश का हर नागरिक को, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. पुलिस की कार्रवाई संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करती है.

मस्जिद समिति का पक्ष सुने बिना सर्वेक्षण का आदेश देने का निर्णय न्यायिक निष्पक्षता में गंभीर चूक को दर्शाता है. इसके अतिरिक्त, सर्वेक्षण दल के साथ उत्तेजक असामाजिक तत्वों की उपस्थिति और उनकी आक्रामक कार्रवाइयों ने सांप्रदायिक तनाव को भयानक रूप से बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई और निर्दोष लोगों की नृशंस मृत्यु हो गई.."

जमाअत के उपाध्यक्ष ने कहा, 'हम घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हैं ताकि जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय हो और पीड़ितों और उनके शोक संतप्त परिवारों को न्याय मिल सके. यह आवश्यक है कि धार्मिक स्थलों को 1947 के अनुरूप संरक्षित रखने वाले ‘इबादतगाहअधिनियम 1991’ को बरकरार रखा जाए तथा इसके मूल भाव को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जाए.

हम गंभीरतापूर्वक आशा करते हैं कि कार्यपालिका और न्यायपालिका मुस्लिम इबादतगाहों को निशाना बनाने और यह दावा करके कि प्राचीन काल में उस भूमि पर एक हिंदू मंदिर था, उन्हें अवैध रूप से अधिग्रहित करने की कोशिश करने की इस प्रवृत्ति पर ध्यान देंगे. पुलिस को उपद्रव फैलाने के विपरीत शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी से काम करना चाहिए.

हम मृतक लोगों के परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं. हम जनता से आग्रह करते हैं कि वे शांत रहें, प्रतिशोध से बचें और इस कठिन समय में संयम बरतें। हम सभी न्यायप्रिय नागरिकों से अपील करते हैं कि वे इस अन्याय और देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के प्रयास के खिलाफ आवाज उठाएं. यह राष्ट्र के हित में है कि न्याय की जीत हो और सरकार तथा प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि राज्य दमन की ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.."