एशिया प्रशांत क्षेत्र के निवेशक 2025 में भारतीय रियल एस्टेट को लेकर उत्साहित, ऑफिस स्पेस रहेगा सबसे आगे

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 22-11-2024
Investors from Asia Pacific region excited about Indian real estate in 2025, office space will be at the forefront
Investors from Asia Pacific region excited about Indian real estate in 2025, office space will be at the forefront

 

मुंबई. एशिया प्रशांत क्षेत्र के लगभग 68 प्रतिशत निवेशकों को उम्मीद है कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और भारत में 2024 में संस्थागत रियल एस्टेट निवेश में वृद्धि होने की संभावना है. शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से 7 निवेशकों को उम्मीद है कि 2025 में रियल एस्टेट निवेश में तेजी आएगी.

इस साल जनवरी-सितंबर की अवधि में भारतीय रियल एस्टेट में कुल संस्थागत निवेश में एशिया प्रशांत देशों की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत रही.

कोलियर्स इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एशिया प्रशांत क्षेत्र के लगभग 69 प्रतिशत रेस्पोन्डेंट्स का इरादा अगले पांच वर्षों में अपने एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) का 30 प्रतिशत से अधिक रियल एस्टेट में लगाने का है. भारत घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेश दोनों को आकर्षित करने के लिए अच्छी स्थिति में है.

संस्थागत प्रवाह 2021 से कुल 19 बिलियन डॉलर रहा है, जिसमें हर गुजरते साल के साथ निवेश की मात्रा बढ़ रही है. रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि मुख्य रूप से रियल एस्टेट सेगमेंट में बढ़ती मांग की वजह से देखी जा रही है.

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार वर्षों (2021-24) के दौरान ऑफिस एसेट 40 प्रतिशत से ज्यादा इनफ्लो लेकर आया है, लेकिन हाल के वर्षों में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग दोनों आवासीय क्षेत्रों में तेजी देखी जा रही है.

2024 की पहली तीन तिमाहियों में, भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 4.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो 2023 के पूरे वर्ष में इनफ्लो का 87 प्रतिशत है. यह गति 2025 में रियल एस्टेट परिसंपत्ति वर्गों में संस्थागत निवेश के लिए आशाजनक है.

कोलियर्स इंडिया में कैपिटल मार्केट्स एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के प्रबंध निदेशक पीयूष गुप्ता के अनुसार, जीसीसी और घरेलू मांग द्वारा रिकॉर्ड अब्सॉर्प्शन के साथ, कार्यालय क्षेत्र का भारत में अपना सर्वश्रेष्ठ वर्ष होने की संभावना है. आवासीय क्षेत्र में मजबूत अंतिम उपयोगकर्ता बिक्री देखी जा रही है.

उन्होंने कहा कि भारतीय रियल एस्टेट में इक्विटी पूंजी अब अधिक डायवर्सिफाइड है, जिसमें घरेलू पूंजी की हिस्सेदारी बढ़ रही है.

कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक और शोध प्रमुख विमल नादर ने कहा, "विकसित होते जनसांख्यिकीय पैटर्न के साथ, डेटा सेंटर, सीनियर लिविंग, स्टूडेंट हाउसिंग, स्कूल, लाइफ साइंसेज, हॉलिडे होम आदि जैसे विकल्पों में निवेश में लंबी अवधि की संभावनाएं बनी रहेंगी.