सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए ‘सबसे अनुचित दस्तावेज’ : उमर अब्दुल्ला

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-04-2025
Indus Water Treaty is the 'most unfair document' for the people of Jammu and Kashmir: Omar Abdullah
Indus Water Treaty is the 'most unfair document' for the people of Jammu and Kashmir: Omar Abdullah

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि पहलगाम हमले के मद्देनजर केंद्र द्वारा पाकिस्तान के साथ स्थगित की गयी सिंधु जल संधि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए “सबसे अनुचित दस्तावेज” है और वे कभी भी इसके पक्ष में नहीं रहे हैं.
 
अब्दुल्ला ने यहां विभिन्न पर्यटन, व्यापार और उद्योग निकायों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “भारत सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, जहां तक ​​जम्मू-कश्मीर का सवाल है, ईमानदारी से कहें तो हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं.”
 
पहलगाम में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती की और कई उपायों की घोषणा की, जिनमें पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार (अताशे) को निष्कासित करना, 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना और अटारी-वाघा सीमा पारगमन चौकी को तत्काल बंद करना शामिल है. सिंधु जल संधि पर केंद्र के फैसले के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का हमेशा से मानना ​​रहा है कि सिंधु जल संधि “उसके लोगों के लिए सबसे अनुचित दस्तावेज” रहा है.
 
उन्होंने कहा, “अब इसके मध्यम से दीर्घकालिक निहितार्थ क्या होंगे, यह देखने के लिए हमें इंतजार करना होगा.”यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार टट्टूवाले सैयद आदिल हुसैन शाह की बहादुरी को पुरस्कृत करेगी, जो मारे जाने से पहले सशस्त्र आतंकवादियों के खिलाफ खड़ा हुआ था, अब्दुल्ला ने कहा, “बिल्कुल.’’ उन्होंने कहा, “वह (शाह) न केवल कश्मीरियत के बल्कि कश्मीरी आतिथ्य के प्रतीक हैं और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम न केवल उन्हें और उनके परिवार को पुरस्कृत करें, बल्कि उस स्मृति को अनंत काल तक जीवित रखें.”