भारतीय रेलवे की कोच मैन्युफैक्चरिंग में वित्त वर्ष 25 में हुई 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 04-04-2025
Indian Railways' coach manufacturing increased by 9 percent in FY25
Indian Railways' coach manufacturing increased by 9 percent in FY25

 

नई दिल्ली
 
भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 25 में 7,134 कोच मैन्युफैक्चर किए हैं. इसमें सालाना आधार पर 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 
 
वित्त वर्ष 24 में भारतीय रेलवे ने 6,541 कोच मैन्युफैक्चर किए थे.
 
पिछले वित्त वर्ष में गैर-एसी कोचों पर विशेष जोर दिया गया और आम आदमी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 4,601 कोच मैन्युफैक्चर किए गए.
 
रेल मंत्रालय के अनुसार, वार्षिक औसत कोच मैन्युफैक्चरिंग 2004-14 में 3,300 से बढ़कर 2014-24 में 5,481 हो गई है और पिछले दशक में कुल 54,809 कोच की मैन्युफैक्चरिंग हुई है.
 
यह वृद्धि बढ़ती यात्री मांग को पूरा करने के लिए रेलवे बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर भारत के बढ़ते जोर को दर्शाती है.
 
देश में भारतीय रेलवे की तीन कोच मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जिसमें चेन्नई, तमिलनाडु में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), कपूरथला, पंजाब में रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) और रायबरेली, उत्तर प्रदेश में मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) शामिल हैं.
 
मंत्रालय के अनुसार, चेन्नई स्थित भारतीय रेलवे की प्रमुख यात्री कोच मैन्युफैक्चरिंग यूनिट इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने वर्ष 2024-25 में अपने पिछले उत्पादन रिकॉर्ड को पार कर लिया है और इसने 3,007 कोच तैयार किए हैं.
 
भारत में कोच मैन्युफैक्चरिंग में पिछले कुछ वर्षों में काफी वृद्धि हुई है. 2004 से 2014 के बीच भारतीय रेलवे ने प्रति वर्ष औसतन 3,300 से भी कम कोच बनाए थे.
 
मंत्रालय ने कहा कि 2014 से 2024 के बीच रेलवे की कोच मैन्युफैक्चरिंग में बड़ी बढ़त देखी गई और इस दौरान कुल 54,809 या प्रति वर्ष औसतन 5,481 कोच की मैन्युफैक्चरिंग हुई. यह बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने और आत्मनिर्भर बनने के रेलवे के प्रयास के अनुरूप है.
 
कोच मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि घरेलू उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने, आयात पर निर्भरता कम करने और रेलवे डिजाइन में एडवांस टेक्नोलॉजी को एकीकृत करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है.
 
सरकार के अनुसार, अधिक कोचों की मैन्युफैक्चरिंग किए जाने से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और बढ़ती हुई मांग को आसानी से बढ़ी हुई क्षमता के साथ पूरा किया जा सकता है.
 
इसके अतिरिक्त, यह उपलब्धि ‘मेक इन इंडिया पहल’ को मजबूत करती है, जिससे रेलवे मैन्युफैक्चरिंग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होती है.