भारतीय नौसेना पाकिस्तान का सामना करने के लिए तैयार

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 25-04-2025
Indian Navy ready to face Pakistan
Indian Navy ready to face Pakistan

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली  

बेड़े के आकार और क्षमता के मामले में भारतीय नौसेना पाकिस्तानी नौसेना पर महत्वपूर्ण बढ़त रखती है. पाकिस्तान की तुलना में भारत के पास विमानवाहक पोत और पनडुब्बियों सहित अधिक पोत हैं. अतीत में, भारतीय नौसेना ने 1971के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने पाकिस्तान की हार में महत्वपूर्ण योगदान दिया था.

The Indian Navy in the South China Sea: A Discomfort to China - Diplomatist

भारतीय नौसेना ने नए विध्वंसक, फ्रिगेट और पनडुब्बी को शामिल किया

INS विक्रांत पर तैनात है मिग-29K

INS विक्रांत पर मिग-29K फाइटर जेट और ऐसे हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं जो अटैक करने में सक्षम हैं. पहलगाम में अटैक के बाद भारत की प्रतिक्रिया से पाकिस्तान इतना घबरा गया है कि उसने ग्वादर पोर्ट के समीप यह फाइरिंग ड्रिल शुरू की है. दूसरी ओर इसी महीने भारत की तरफ से INS विक्रांत पर तैनात किए जाने के लिए 26 राफेल फाइटर जेट के मरीन वर्जन के लिए भी सौदा किया जाने वाला है.
 
INS विक्रांत की नौसेना के कारवार नेवल बेस से अरब सागर की तरफ जाते समय ओपन सोर्स इंटेलिजेंस के जरिए सैटेलाइट इमेज सामने आई है. बता दें कि INS विक्रांत गोवा के पास ही कर्नाटक में कारवार बेस पर तैनात रहता है.
 
INS विक्रांत में ये खूबियां

दूसरी ओर INS विक्रांत को लेकर बात करें तो स्वदेशी निर्मित INS विक्रांत 262 मीटर लंबा और 59 मीटर चौड़ा है. इसमें जनरल इलेक्ट्रिक के शक्तिशाली टरबाइन लगाए गए हैं. ये एयरक्राफ्ट कैरियर अपने ऊपर एक साथ 40 फाइटर जेट्स लेकर चल सकता है. रिपोर्ट्स की मानें तो INS विक्रांत पर मिग-29के फाइटर जेट और 10 Kmaov Ka-31 हेलीकॉप्टर के 2 स्क्वॉड्रन रखे गए हैं.

आईएनएस नीलगिरि

प्रोजेक्ट 17ए का आईएनएस नीलगिरि शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट की तुलना में एक बड़ी उन्नति है, जिसमें स्लोप्ड सुपरस्ट्रक्चर, फ्लश डेक, इन्फ्रारेड सप्रेशन सिस्टम और ध्वनिक शांतता जैसी बेहतर स्टील्थ विशेषताएं शामिल हैं. यह श्रेणी भारत में निर्मित पहले सतही युद्धपोतों में से एक है, जिसमें मॉड्यूलर एकीकृत निर्माण पद्धति का उपयोग किया गया है और दो जनरल इलेक्ट्रिक एलएम2500गैस टर्बाइनों के साथ सीओडीएजी प्रणोदन व्यवस्था का उपयोग किया गया है.

149 मीटर लंबा, 6,700 टन वजनी यह जहाज उन्नत 76मिमी एसआरजीएम, बीएचईएल द्वारा निर्मित ओटीओ मेलारा स्ट्रेल्स से सुसज्जित पहला जहाज है, जिसमें एकीकृत डायरेक्टर रडार और डार्ट स्मार्ट होमिंग गोला-बारूद है. जहाज में दो 30मिमी AK-630M CIWS, दो L&T ट्रिपल टॉरपीडो लांचर, ASW रॉकेट के लिए दो L&T स्वदेशी रॉकेट लांचर, आठ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और 32बराक-8/MRSAM सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी हैं. इसका मुख्य रडार IAI द्वारा बनाया गया MF-STAR है, जिसे BEL ने बनाया है.

प्रोजेक्ट 17A में MDL और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) के बीच 4:3के अनुपात में सात जहाज शामिल हैं. प्रोजेक्ट 17B नामक एक अनुवर्ती ऑर्डर पर काम किया जा रहा है. इस परियोजना के आठ जहाजों के लिए होने की उम्मीद है, जिन्हें दो शिपयार्ड के बीच विभाजित किया जा सकता है और इस परियोजना की लागत 7.5बिलियन डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है.

INS Mumbai - Wikipedia

आईएनएस सूरत

आईएनएस सूरत, कोलकाता-क्लास (प्रोजेक्ट 15A) विध्वंसक के अनुवर्ती वर्ग की परिणति है, जिसमें डिजाइन और क्षमताओं में पर्याप्त सुधार किए गए हैं. जहाज में 75%स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है. सूरत 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है, पूरी तरह से लोड होने पर 7400 टन विस्थापित करता है, और इसकी अधिकतम गति 30 समुद्री मील है.

सूरत में विशेष रूप से 76मिमी एसआरजीएम का पुराना संस्करण लगाया गया है, जो नए उत्पादन तोपों की डिलीवरी होने तक एक प्लेसहोल्डर हो सकता है. विध्वंसक में चार AK-630M CIWS, दो L&T ट्विन टॉरपीडो लांचर, ASW रॉकेट के लिए दो L&T स्वदेशी रॉकेट लांचर, सोलह ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और 32बराक-8 / MRSAM सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं, जिनमें प्राथमिक रडार के रूप में MF-STAR है. सूरत और नीलगिरी दोनों को भविष्य में VL-SRSAM और LRLACM जैसे हथियारों से लैस किए जाने की उम्मीद है.

अब सभी चार P-15B विध्वंसक शामिल हो चुके हैं, इसलिए भारत के पास वर्तमान में कोई भी विध्वंसक निर्माणाधीन नहीं है. नेक्स्ट जनरेशन डिस्ट्रॉयर (NGD) की एक श्रेणी, जिसे प्रोजेक्ट 18भी कहा जाता है, की योजना बनाई जा रही है और कुछ वर्षों के भीतर इसके क्रियान्वयन की उम्मीद है.

आईएनएस वाग्शीर

कलवरी-क्लास प्रोजेक्ट 75के तहत छठी स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बी आईएनएस वाग्शीर को दुनिया की सबसे शांत और बहुमुखी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक बताया गया है. इसे एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाने, क्षेत्र की निगरानी और विशेष अभियानों सहित कई तरह के मिशनों को अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइलों और उन्नत सोनार सिस्टम से लैस, पनडुब्बी में मॉड्यूलर निर्माण भी है, जो भविष्य में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक के एकीकरण जैसे उन्नयन की अनुमति देता है. वाग्शीर के शामिल होने से प्रोजेक्ट 75के शुरुआती उत्पादन का अंत हो गया है, नौसेना अगली पीढ़ी के एसएसके के लिए प्रोजेक्ट 75आई और प्रोजेक्ट 76की ओर देख रही है. हालांकि, पूर्व में देरी के कारण भारत विकल्पों पर विचार कर रहा है, जो जल्द ही तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए ऑर्डर देगा, जिन्हें एमडीएल द्वारा भी बनाया जाएगा.

प्रमुख पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को डीआरडीओ और एलएंडटी द्वारा एआईपी प्लग से सुसज्जित किया जाना है, जिसके लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय 31 दिसंबर, 2024 को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करेगा. कलवरी क्लास को नए डीआरडीओ इलेक्ट्रिकल हैवीवेट टॉरपीडो (ईएचडब्ल्यूटी) से भी सुसज्जित किया जाना है.

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विस्तृत तुलना:

बेड़े का आकार: भारत का नौसेना बेड़ा बड़ा है, जिसमें पाकिस्तान के 121की तुलना में 293पोत हैं.

विमानवाहक पोत: भारत दो विमानवाहक पोत संचालित करता है, जबकि पाकिस्तान के पास कोई नहीं है.

पनडुब्बियाँ: भारत के पास 18पनडुब्बियाँ हैं, जो पाकिस्तान के 8से काफी अधिक हैं.

विध्वंसक: भारत के पास 13विध्वंसक पोत हैं, जबकि पाकिस्तान के पास कोई नहीं है.

1971 का युद्ध: भारतीय नौसेना ने 1971के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने पाकिस्तान की हार में महत्वपूर्ण योगदान दिया था.

हाल के ऑपरेशन: भारतीय नौसेना अरब सागर में नौसैनिक अभ्यास और गश्त में सक्रिय रूप से शामिल रही है, खासकर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के जवाब में.

भारत की नौसैन्य शक्ति:

विमानवाहक पोत:

भारत का आधुनिक विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत अरब सागर में तैनात किया गया है, जो इस क्षेत्र में भारत की शक्ति को प्रदर्शित करने की क्षमता को दर्शाता है.

पनडुब्बियाँ:

भारत की कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियाँ पाकिस्तान के मकरान तट पर गश्त कर रही हैं, जो उनकी परिचालन क्षमता को दर्शाता है.

मिसाइल क्षमताएँ:

भारत के आईएनएस सूरत ने मध्यम दूरी की मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो इसकी उन्नत रक्षा क्षमताओं को दर्शाता है.

निरोध:

भारत की नौसैन्य शक्ति को पाकिस्तान की कार्रवाइयों के लिए एक निवारक के रूप में देखा जाता है, विशेष रूप से चल रहे तनाव के संदर्भ में.

पाकिस्तान की नौसैन्य सीमाएँ:

पनडुब्बी की कमी:

पाकिस्तान का पनडुब्बी बेड़ा भारत की तुलना में छोटा है, जो भारत की नौसैन्य शक्ति को चुनौती देने की उसकी क्षमता को सीमित करता है.

विमानवाहक और विध्वंसक की कमी:

विमानवाहक और विध्वंसक की कमी पाकिस्तान की नौसैन्य क्षमताओं को और कम करती है.

सीमित मारक क्षमता:

पाकिस्तान के सतही बेड़े, जिसमें फ्रिगेट और कोरवेट शामिल हैं, को भारत के कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक जहाजों के मुकाबले में नहीं माना जाता है.

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ऐतिहासिक संदर्भ:

1971का युद्ध:

भारतीय नौसेना ने 1971के युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई, जिसमें प्रमुख पाकिस्तानी युद्धपोतों को डुबोया गया और उनकी नौसैनिक क्षमताओं को बाधित किया गया.

ऑपरेशन ट्राइडेंट:

इस ऑपरेशन में 1971के युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर एक साहसी मिसाइल हमला शामिल था, जिसने पाकिस्तानी नौसेना को काफी नुकसान पहुंचाया.

नौसेना दिवस:

भारत 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाता है, जो 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना की जीत की याद दिलाता है.