भारत सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश पर दबाव डाले: कांग्रेस

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-11-2024
Pawan Khera
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नई दिल्ली. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के सामने ‘असुरक्षा के माहौल’ पर ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की है, जिसमें बांग्लादेश सम्मिलत सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता और धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की हाल ही में हुई गिरफ्तारी का हवाला दिया गया है.

एक बयान में, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार से कार्रवाई करने का आह्वान किया और भारत सरकार से आग्रह किया कि वह बांग्लादेश सरकार पर देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए दबाव डाले.

एआईसीसी के मीडिया और प्रचार अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के सामने असुरक्षा के माहौल पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करती है. इस्कॉन भिक्षु की गिरफ्तारी इसका ताजा उदाहरण है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को उम्मीद है कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार पर आवश्यक कदम उठाने और देश में अल्पसंख्यकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दबाव डालेगी.

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, यह बयान सोमवार को ढाका हवाई अड्डे पर धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की मौजूदगी के बाद आया है. ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, ब्रह्मचारी मंगलवार को सुबह 11 बजे चटगांव छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत के न्यायाधीश काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश हुए. उनके वकीलों ने जमानत याचिका दायर की, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया गया. चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें उन पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करने वाले एक स्टैंड पर झंडा फहराने का आरोप लगाया गया है.  एक अल्पसंख्यक नेता ने कहा कि हालांकि, शिकायतकर्ता ने तब से मामले को आगे बढ़ाने में अनिच्छा व्यक्त की है.

इस बीच, गिरफ्तारी के जवाब में मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेशी सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया. बयान में कहा गया, ‘‘हमने श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार करने पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जो बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता भी हैं.’’

बयान में कहा गया है, ‘‘यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए कई हमलों के बाद हुई है. अल्पसंख्यकों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी और तोड़फोड़ और देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज हैं.’’

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सरकार देश में धार्मिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए दृढ़ है, चाहे वह किसी भी धर्म से जुड़ा हो. बयान में कहा गया है, ‘‘बांग्लादेश की सरकार बांग्लादेश में धार्मिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए दृढ़ है, चाहे वह किसी भी धर्म से जुड़ा हो, और देश के कानूनों के तहत बिना किसी भेदभाव के हर बांग्लादेशी के लिए कानून का शासन बनाए रखेगी.’’