नई दिल्ली. भारत ने बुधवार को इजराइल और लेबनान के बीच युद्ध विराम के फैसले का स्वागत किया. अपने बयान में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला क्षेत्र में तनाव कम करने के भारत के रुख को दर्शाता है. बयान में कहा गया है, ‘‘हम इजराइल और लेबनान के बीच घोषित युद्ध विराम का स्वागत करते हैं. हमने हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है. हमें उम्मीद है कि ये घटनाक्रम व्यापक क्षेत्र में शांति और स्थिरता की ओर ले जाएंगे.’’
इससे पहले दिन में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की कि उन्होंने लेबनान और इजराइल के प्रधानमंत्रियों से बात की, जिन्होंने ‘इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच विनाशकारी संघर्ष’ को समाप्त करने के अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में इस खबर की घोषणा की. उन्होंने लिखा, ‘‘आज, मेरे पास मध्य पूर्व से रिपोर्ट करने के लिए अच्छी खबर है. मैंने लेबनान और इजराइल के प्रधानमंत्रियों से बात की है. और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है - उन्होंने इजराइल और हिज्बुल्लाह के बीच विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.’’
अमेरिकी राष्ट्रपति का समर्थन करते हुए, इजराइल द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज शाम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन से बात की और लेबनान में युद्धविराम समझौते को प्राप्त करने में अमेरिकी भागीदारी और इस समझ के लिए उन्हें धन्यवाद दिया कि इजराइल इसे लागू करने में कार्रवाई की स्वतंत्रता बनाए रखता है.’’
इससे पहले 2 नवंबर को, पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच, विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि इजराइल में भारतीय दूतावास भारतीय नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में है, साथ ही कहा कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके लिए आवश्यक यात्रा सलाह और अन्य सलाह जारी की गई हैं.
शनिवार को साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘इजराइल में भारतीय मूल के 20,000-30,000 लोग रहते हैं. वहां हमारा दूतावास लगातार उनसे संपर्क में है. हमने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक यात्रा सलाह और अन्य सलाह जारी की हैं.’’ एक बयान में, विदेश मंत्रालय ने बातचीत और कूटनीति पर लौटने का अपना आह्वान दोहराया था.