भारत ने ईरान से तीन नागरिकों को ढूंढने के लिए सहायता मांगी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 31-01-2025
Randhir Jaiswal
Randhir Jaiswal

 

नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि व्यापारिक उद्देश्यों से ईरान गए तीन भारतीय नागरिक लापता हो गए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस मामले को नई दिल्ली में ईरानी दूतावास और तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय दोनों के समक्ष उठाया है, साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सरकार लापता नागरिकों के परिवारों के संपर्क में है.

जयसवाल ने आज साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, ‘‘तीन भारतीय नागरिक जो व्यापारिक उद्देश्यों से ईरान गए थे, वे लापता हैं. हम उनके परिवारों के संपर्क में हैं. हमने इस मामले को दिल्ली में ईरानी दूतावास और तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय और तेहरान में भारतीय दूतावास ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं और लापता नागरिकों का पता लगाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी सहायता का अनुरोध किया है.’’

रूस में लापता भारतीयों के बारे में जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने कहा था कि 18 लोगों में से 16 लापता हैं, हम उनकी तलाश के लिए रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं...’’ 17 जनवरी को विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि यूक्रेन संघर्ष में रूसी सेना के लिए सेवा करते हुए 12 भारतीय नागरिक मारे गए, जबकि 16 और लापता हैं.

जायसवाल ने कहा कि रूसी सेना में सेवारत भारतीय नागरिकों के कुल 126 मामले थे, और भारत उन लोगों की ‘शीघ्र रिहाई’ की मांग कर रहा है जो अभी भी वहां हैं. 17 जनवरी को जायसवाल ने कहा था, ‘‘आज तक, 126 मामले (रूसी सेना में सेवारत भारतीय नागरिकों के) सामने आए हैं. इन 126 मामलों में से 96 लोग भारत लौट आए हैं और उन्हें रूसी सशस्त्र बलों से छुट्टी दे दी गई है. रूसी सेना में 18 भारतीय नागरिक बचे हैं और उनमें से 16 व्यक्तियों का पता नहीं चल पाया है. रूसी पक्ष ने उन्हें लापता के रूप में वर्गीकृत किया है.’’

उल्लेखनीय है कि कई भारतीय नागरिकों को आकर्षक नौकरियों के बहाने कथित तौर पर यूक्रेन के साथ रूस के युद्ध में लड़ने के लिए धोखा दिया गया था. पिछले साल, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने देश भर में चल रहे एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जो विदेशों में आकर्षक नौकरियों की पेशकश करने के वादे पर भारतीय नागरिकों को निशाना बनाता था, लेकिन कथित तौर पर उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में भेज देता था.