नई दिल्ली
— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब यात्रा के समापन पर जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और सऊदी अरब वैश्विक तेल बाजारों की स्थिरता बढ़ाने और ऊर्जा संतुलन बनाए रखने के लिए मिलकर काम करेंगे. हालांकि कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के चलते प्रधानमंत्री को यह दौरा बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौटना पड़ा.
बयान में कहा गया, “भारत ने सऊदी अरब के साथ मिलकर वैश्विक तेल बाजारों की स्थिरता और ऊर्जा स्रोतों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सहयोग पर सहमति जताई है. दोनों देशों ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग, विशेष रूप से कच्चे तेल और ऊर्जा उत्पादों की आपूर्ति, को मजबूत करने पर जोर दिया.”
हरित ऊर्जा और हाइड्रोजन पर विशेष ध्यान
दोनों देशों ने हरित और स्वच्छ हाइड्रोजन के क्षेत्र में सहयोग के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें हाइड्रोजन की मांग बढ़ाना, उसके परिवहन और भंडारण की तकनीकों का विकास और विशेषज्ञता साझा करना शामिल है.
बयान के अनुसार, “ऊर्जा दक्षता, निर्माण, उद्योग और परिवहन क्षेत्रों में ऊर्जा की खपत को तर्कसंगत बनाने के प्रयासों पर भी सहमति बनी है.”
जलवायु परिवर्तन पर साझा दृष्टिकोण
भारत और सऊदी अरब ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन और पेरिस समझौते के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.भारत ने सऊदी अरब की "सऊदी ग्रीन इनिशिएटिव" और "मिडल ईस्ट ग्रीन इनिशिएटिव" की सराहना की और इन पहलों को समर्थन देने का वादा किया.
तकनीकी और डिजिटल सहयोग
संयुक्त बयान में कृत्रिम मेधा (AI), साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर और डिजिटल शासन जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात कही गई. साथ ही, भारत के ट्राई और सऊदी अरब के संचार, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी आयोग के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होने पर संतोष जताया गया.
पर्यटन, संस्कृति और जनसंपर्क
दोनों पक्षों ने पर्यटन में क्षमता निर्माण और पर्यावरण अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने, मीडिया, मनोरंजन और खेल के क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करने तथा लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करने पर भी सहमति जताई.
सुरक्षा और समुद्री सहयोग
बयान में यह भी कहा गया कि समुद्री मार्गों की सुरक्षा और नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए सहयोग बढ़ाया जाएगा, जो कि यूएनसीएलओएस (समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) के अनुरूप होगा.
यमन संकट पर रुख
भारत और सऊदी अरब ने यमन संकट के राजनीतिक समाधान के लिए चल रहे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन किया.
पृष्ठभूमि में हमला
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऐसे समय हुई, जब कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 26 पर्यटक मारे गए। इसी वजह से मोदी ने दौरा बीच में ही रोककर स्वदेश लौटने का निर्णय लिया.
यह मोदी की तीसरी सऊदी यात्रा थी। इससे पहले सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सितंबर 2023 में G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक की सह-अध्यक्षता के लिए भारत आए थे.