India's strength is increasing, successful testing of the strength of ultra-durable tablet
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत के पहले पूर्ण रूप से डिज़ाइन किए गए AI सर्वर आदिपोली का प्रदर्शन किया, जिसे VVDN Technologies द्वारा विकसित किया गया है.
अश्विनी वैष्णव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि AI सर्वर 'आदिपोली' 8 GPU से लैस है और इसे पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन किया गया है, जो उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में देश की बढ़ती ताकत को रेखांकित करता है. उन्होंने VVDN Technologies के प्रयासों की प्रशंसा की और लॉन्च को 'Make In India' पहल के लिए एक बड़ा कदम बताया.
अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि भारत में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद तेजी से विश्वसनीय और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बन रहे हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा पर भारत का ध्यान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मान्यता प्राप्त कर रहा है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है और देश में नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है.
Make In India की बड़ी पहल
मानेसर में VVDN Technologies के ग्लोबल इनोवेशन पार्क में बोलते हुए, जहां उन्होंने एक नई SMT (सरफेस माउंट टेक्नोलॉजी) लाइन का उद्घाटन किया, मंत्री ने सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत की गई तेज़ प्रगति पर प्रकाश डाला. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि समय के साथ भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन में मजबूत क्षमताएं विकसित की हैं. इन क्षमताओं में अब ऑटोमोबाइल क्षेत्र, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, सिग्नलिंग और सुरक्षा प्रणालियों से संबंधित उत्पाद शामिल हैं. ऐसे उत्पादों का डिजाइन और निर्माण भारत में तेजी से हो रहा है, जो प्रधानमंत्री के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
5,000 इंजीनियरोकी बड़ी डिजाइन टीम
उन्होंने जोर देकर कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास विनिर्माण फर्मों के भीतर बड़े पैमाने पर डिजाइन टीमों का उदय रहा है. उन्होंने कहा, "हम यहां एक ऐसी सुविधा में हैं, जिसमें 5,000 इंजीनियरों की एक बड़ी डिजाइन टीम है. ये युवा इंजीनियर कुछ सबसे जटिल उत्पादों को डिजाइन कर रहे हैं, जो AI से जुड़े हैं और विरासत प्रणालियों से कहीं आगे बढ़ रहे हैं. इसे "बड़ी छलांग" कहते हुए, वैष्णव ने जोर देकर कहा कि भारत की बढ़त इसकी डिजाइन प्रतिभा में निहित है - कुछ ऐसा जो कई अन्य देशों में नहीं है. उन्होंने कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमें कई अन्य देशों की तुलना में बड़ा लाभ मिलेगा, जिनके पास इतनी डिजाइन प्रतिभा नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले दशक में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पांच गुना बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि निर्यात छह गुना बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.