नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत के सेवा निर्यात में लगातार दूसरे महीने अक्टूबर में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. अक्टूबर में देश का सेवा निर्यात सालाना आधार पर 22.3 प्रतिशत बढ़कर 34.3 अरब डॉलर हो गया.
इससे पहले अगस्त में देश का सेवा निर्यात जुलाई के 30.58 अरब डॉलर से घटकर 30.34 अरब डॉलर पर आ गया था. जो कि इससे अगले महीने सितंबर में बढ़कर 32.57 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था.
निर्यात के साथ-साथ अक्टूबर में देश के आयात में भी वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि सालाना आधार पर 27.9 प्रतिशत बढ़कर अब 17.21 अरब डॉलर हो गया है. इससे पहले सितंबर में देश का सेवा आयात 16.50 अरब डॉलर रहा था.
भारत का सेवा निर्यात वित्त वर्ष 2024 में 339.62 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वित्त वर्ष में 325.33 अरब डॉलर था.
पिछले दिनों आई ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत का सेवा निर्यात 2030 तक वस्तु निर्यात से आगे निकल जाएगा. जीटीआरआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि वित्त वर्ष 2030 तक सेवा निर्यात 618.21 अरब डॉलर पहुंचने का अनुमान है, जो 613.04 अरब डॉलर के माल निर्यात से अधिक होगा.
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि वित्त वर्ष 2019 और वित्त वर्ष 2024 के बीच, 5 वर्षों में सेवा निर्यात 10.5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा, जो कि माल निर्यात के 5.8 प्रतिशत सीएजीआर से लगभग दोगुना है. देश का सेवा क्षेत्र मुख्य रूप से आईटी और सॉफ्टवेयर द्वारा संचालित है, इसके अलावा यह क्षेत्र अन्य व्यावसायिक सेवाओं (ओबीएस) द्वारा संचालित है.
जीटीआरआई की इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई थी कि ‘दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाओं’ के तहत सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं ने वित्त वर्ष 2024 में भारत के कुल सेवा निर्यात में 190.7 बिलियन डॉलर या 56.2 प्रतिशत का योगदान दिया.
इसी के साथ एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स को लेकर वैश्विक स्तर पर भारत की आईटी विशेषज्ञता को लेकर मांग में बढ़ोतरी को लेकर महत्वपूर्ण बने हुए हैं.