नई दिल्ली. भारत ने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ पाकिस्तान के ‘दोगलेपन’ की निंदा की है और इस्लामाबाद से संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ करने का आह्वान किया है. विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी शुक्रवार को अजहर के पाकिस्तान के बहावलपुर में सार्वजनिक भाषण देने की खबरों के बाद आई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अगर मसूद अजहर पाकिस्तान में है, तो यह देश के दोगलेपन को उजागर करता है. उन्होंने आज साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है. हम मांग करते हैं कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि उसे न्याय के कटघरे में लाया जा सके. इस बात से इनकार किया गया है कि वह पाकिस्तान में नहीं है. आप जिस बारे में बात कर रहे हैं, अगर रिपोर्ट सही हैं, तो यह पाकिस्तान के दोगलेपन को उजागर करता है. मसूद अजहर भारत में सीमा पार से होने वाले आतंकी हमलों में शामिल है. हम चाहते हैं कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.’’
गौरतलब है कि जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार है और उसने 2019 में जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस साल मार्च में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान जैसे पड़ोसी से निपटने की जटिल स्थिति पर जोर दिया और कहा कि इस्लामाबाद आतंकवाद को शासन कला के साधन के रूप में इस्तेमाल करता है और इस तथ्य को छिपाता भी नहीं है.
जयशंकर ने सिंगापुर में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘हर देश एक स्थिर पड़ोस चाहता है...हम दुर्भाग्यशाली हैं, या बदकिस्मत हैं कि हमें अपने पश्चिम में एक स्थिर पड़ोस मिला है. आप ऐसे पड़ोसी से कैसे निपटेंगे, जो इस तथ्य को नहीं छिपाता कि वह आतंकवाद को शासन कला के साधन के रूप में इस्तेमाल करता है?’’
पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि देश में आतंकवाद लगभग ‘उद्योग स्तर’ और ‘असेंबली लाइन’ पर मौजूद है. उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई एक बार की बात नहीं है, अलग-अलग देशों ने अलग-अलग समय पर इसका अनुभव किया है. लेकिन, यह बहुत ही निरंतर, लगभग उद्योग स्तर की असेंबली लाइन है...ऐसे लोग जिनका काम रात में बुरे काम करना है.’’
जयशंकर ने कहा कि भारत ने तय किया है कि उसे इस समस्या का समाधान करने का कोई रास्ता निकालना होगा, क्योंकि इससे बचने से केवल और अधिक परेशानी ही होगी. विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मेरे पास कोई त्वरित, तात्कालिक समाधान नहीं है, लेकिन मैं आपको यह बता सकता हूं कि भारत अब इस समस्या से नहीं बचेगा...अगर हमारे पास कोई समस्या है, तो हमें समस्या का सामना करने के लिए पर्याप्त ईमानदार होना चाहिए. अगर आपको ऐसी चर्चाएं करनी हैं, तो हमें करनी चाहिए, अगर समाधान खोजना मुश्किल है, तो हमें काम करना चाहिए. हमें दूसरे देश को खुली छूट नहीं देनी चाहिए...भारत में आतंकवाद को नजरअंदाज करने का मूड नहीं है.’’