आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति व्यक्त की है.यह विकास विशेष रूप से ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के निकट होने के चलते महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों शामिल होंगे.
वार्ता का परिणाम
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि हाल की वार्ता में चीनी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के परिणामस्वरूप यह समझौता हुआ है.। उन्होंने कहा, “इससे तनाव कम हो रहा है.यह 2020में पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न मुद्दों के समाधान की दिशा में एक सकारात्मक कदम है.”
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की वार्ताएं पहले भी हुई हैं, जो विभिन्न स्थानों पर गतिरोध को हल करने में मददगार रही हैं.अब, पिछले कुछ हफ्तों में हुई चर्चाओं ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में गश्त व्यवस्था पर सहमति की राह प्रशस्त की है.
द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी की चीनी राष्ट्रपति से द्विपक्षीय बैठकों की संभावना के संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है.हालांकि, गश्त व्यवस्था पर इस समझौते से दोनों नेताओं के बीच संवाद को और प्रगाढ़ बनाने की उम्मीद जगी है.
विदेश मंत्रालय ने अगस्त में भारत-चीन सीमा मामलों पर आयोजित अंतिम कार्य तंत्र (WMCC) की बैठक के बाद कहा था कि दोनों पक्षों ने एलएसी पर स्थिति को लेकर स्पष्ट और रचनात्मक विचारों का आदान-प्रदान किया है.यह कदम मतभेदों को कम करने और लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की दिशा में उठाया गया है.
भविष्य की संभावनाएं
भारत और चीन ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि वे सीमा क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए एक साथ काम करेंगे.विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों सरकारों के बीच प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, शांति को सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी 22और 23अक्टूबर को रूस की अध्यक्षता में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कज़ान जाएंगे.इस शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय 'न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना' है, जो नेताओं को वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा.
संबंधों में सुधार के सकारात्मक संकेत
भारत-चीन के बीच हुई यह गश्त व्यवस्था पर सहमति, द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है.यह निश्चित रूप से ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत के लिए एक उपयुक्त पृष्ठभूमि तैयार करेगा, जहां वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.इस समझौते से दोनों देशों के बीच वार्ता का एक नया अध्याय खुल सकता है, जो दोनों देशों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है.