इमरान मसूद का मौलाना को जवाब, कहा- मुझे किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं, फैसला करना अल्लाह का काम

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 16-03-2025
Imran Masood
Imran Masood

 


सहारनपुर. कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद के होली खेलने के बाद उन्हें मशहूर देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने नसीहत दी थी ऐसा कोई काम न करें जो शरीयत के खिलाफ हो. कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उन्हें उनके और अल्लाह के रिश्ते में किसी की दखलंदाजी की जरूरत नहीं है.  

एक कार्यक्रम के दौरान मौलानाओं के बयानों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, "ला इलाहा इल अल्लाह मोहम्मद रसूलल्लाह कहने के बाद न मुझे किसी को कुछ साबित करने की जरूरत है. मेरे और अल्लाह के बीच मुझे किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. यह अल्लाह का काम है कि मुझे क्या सजा देनी है."

देवबंदी उलेमा मौलाना क़ारी इसहाक गोरा ने अपने एक वीडियो में कहा था कि अगर हम मुस्लिम हैं तो हमें इस हकीकत से वाकिफ रहना चाहिए. शरीयत में कुछ दायरे दिए गए हैं, उन्हें निभाना जरूरी है. कुछ वसूल दिए गए हैं, उन्हें निभाना जरूरी है. हम भाईचारे के लिए ऐसे काम कर जाते हैं जो कि शरीयत के खिलाफ होते हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मुस्लिम लीडर पर साबित नहीं होता है. यह तमाम मुस्लिमों पर साबित होता है.

उन्होंने कहा कि यदि आपको भाईचारा बढ़ाना और कायम रखना है तो इसके और भी कई तरीके हैं. जरूरी नहीं कि हम गैर-इस्लामी रस्में निभाएं तभी वह भाईचारा होगा. ऐसे तमाम लोगों से कहूंगा कि उन्हें तौबा करनी चाहिए. अल्लाह से अपने गुनाह की माफी मांगनी चाहिए. आगे से कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए जो शरीयत के खिलाफ हो.

मसूद ने अपनी प्रतिक्रिया में आगे साफ किया कि वह सियासत करते हैं और उनकी बातें भी सियासत तक ही सीमित रहेंगी.

उन्होंने कहा, "हर किसी का अपना काम है. मैं सियासत करता हूं और वही करूंगा. फैसले भी सियासत के हिसाब से होंगे."

इसके अलावा, इजरायल में आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों पर भी इमरान मसूद ने अपनी राय रखी. मसूद ने कहा, "आतंकवादी को बख्शना नहीं चाहिए. उसे मार देना चाहिए. जो लोग दूसरों की जान लेते हैं, उन्हें जिंदा रहने का कोई हक नहीं है."

इससे पहले चार मार्च को कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने आईएएनएस से बात करते हुए अबू आजमी द्वारा औरंगजेब पर दिए बयान के संदर्भ में कहा था, "मैंने अबू आजमी का बयान नहीं सुना है, लेकिन जिस तरह की चर्चा मीडिया में हो रही है, मुझे लगता है कि किसी को भी अधूरा ज्ञान नहीं रखना चाहिए. पहले उन्हें पूरा ज्ञान लेना चाहिए. मैं ये पूछना चाहता हूं कि अगर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री एफआईआर की मांग कर रहे हैं, तो क्या वहां की सरकार इतनी कमजोर है कि इन्हें पूछना पड़ रहा है? हालांकि, वे किस बात के लिए देशद्रोह कहेंगे, क्या औरंगजेब बादशाह नहीं था? वो पूरे 49 साल तक हिंदुस्तान का बादशाह रहा था."