भारतीय वायुसेना के राफेल और सुखोई-30 विमान प्रमुख अभ्यास "आक्रमण" कर रहे हैं

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-04-2025
IAF's Rafale and Sukhoi-30 aircraft conducting major exercise
IAF's Rafale and Sukhoi-30 aircraft conducting major exercise "Aagman"

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
भारतीय वायुसेना मध्य क्षेत्र में एक बड़े क्षेत्र में आक्रमण (हमला) अभ्यास कर रही है, जिसमें राफेल लड़ाकू विमानों के नेतृत्व में उसके मुख्य लड़ाकू विमानों का बेड़ा शामिल है.
 
भारतीय वायुसेना राफेल विमानों के दो स्क्वाड्रन संचालित करती है, जो पश्चिम बंगाल के अंबाला और हाशिमारा में स्थित हैं. रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया, "अत्याधुनिक तकनीक वाले लड़ाकू विमान जमीनी हमले और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अभ्यास से जुड़े जटिल मिशनों को अंजाम दे रहे हैं." उन्होंने कहा, "भारतीय वायुसेना की संपत्तियों को पूर्वी हिस्से सहित कई एयरबेसों से ले जाया गया है."
 
सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना मैदानी और पहाड़ी इलाकों सहित विभिन्न इलाकों में संचालन के लिए जटिल जमीनी हमले मिशनों का अभ्यास कर रही है.
भारतीय वायु सेना दक्षिण एशियाई क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बनाए हुए है, क्योंकि इसमें मेटियोर एयर टू एयर मिसाइलों और रैम्पेज तथा रॉक्स जैसी लंबी दूरी की हाई स्पीड लो ड्रैग मिसाइलों को शामिल किया गया है. यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस अभ्यास पर वायु सेना मुख्यालय द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है. 
 
 
 
भारतीय वायु सेना के टॉप गन पायलट उच्च योग्य प्रशिक्षकों की कड़ी निगरानी में इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं. फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के अंदर हमलों को अंजाम देने के लिए भारतीय वायु सेना का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था. तब से भारतीय वायु सेना ने राफेल लड़ाकू जेट विमानों का अधिग्रहण किया है और उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी बढ़त को फिर से हासिल कर लिया है. भारतीय वायु सेना ने 2019 में मिराज 2000 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था, लेकिन एस-400 वायु रक्षा प्रणाली जैसे कई बल गुणकों का उपयोग किया है, जो विरोधियों के हवाई पूर्व चेतावनी और नियंत्रण विमानों के खिलाफ बहुत प्रभावी हो सकते हैं.