मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को जमीयत अहले हदीस की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ, जिसमें मस्जिद-ए-नबवी के इमाम डॉक्टर अब्दुल्लाह बिन अब्दुल रहमान अल बुऐजान ने अपने उद्घाटन संबोधन में मदीना से शांति और मानवता का संदेश भारत लेकर आने की बात कही.
उन्होंने कहा कि अल्लाह ने इंसान को महान बनाया है. मैं दुआ करता हूं कि यह देश शांति का केंद्र बने. उन्होंने इस्लामी समाज को कुरान और हदीस का पालन करने पर जोर दिया, ताकि धार्मिक मार्गदर्शन और जागरूकता में वृद्धि हो सके.
मानवता की याद दिलाने की कोशिश
इमाम ने कहा कि मरकजी जमीयत अहले हदीस हिंद भारत में तौहीद और सुन्नत के आधार पर सबसे पुरानी जमात है। उन्होंने कॉन्फ्रेंस में मानवता और विश्व धर्मों के सम्मान जैसे विषयों को प्राथमिकता देने के लिए जमीयत अहले हदीस की सराहना की और कहा कि यह मानवता का भूला हुआ पाठ याद दिलाने का एक प्रयास है.
धार्मिक ग्रंथों के सम्मान पर बल
कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मौलाना असगर अली इमाम महदी सल्फी ने कहा कि इस्लाम ने मनुष्य को शांतिपूर्ण जीवन जीने का संदेश दिया है और किसी भी धार्मिक पुस्तक का अपमान न करने की शिक्षा दी है. उन्होंने भौतिकता और धार्मिक कर्तव्यों से दूर हो रहे समाज को आगाह करते हुए इंसानियत की राह पर चलने की सलाह दी..
गाजा की तबाही और मदीना संधि का जिक्र
मौलाना ने फिलिस्तीन के गाजा शहर की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र को मदीना संधि के आधार पर युद्धों को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, जिसमें सभी धर्मों के अधिकारों की रक्षा की गई है.
राब्ता-ए-आलम-ए-इस्लामी का संदेश
राब्ता-ए-आलम-ए-इस्लामी के सहायक महासचिव डॉ. अब्दुल रहमान बिन अब्दुल्लाह अल-ज़ायद ने सम्मेलन में शांति और सद्भाव का संदेश भेजा. उन्होंने आशा जताई कि यह सम्मेलन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा.
भारत की सांस्कृतिक विविधता का सम्मान
संयुक्त अरब अमीरात अंतर्राष्ट्रीय समिति के सहायक सचिव डॉ. हसन अल-मरज़ूकी ने भारत को एक महान देश बताया. कहा कि यहां की सांस्कृतिक विविधता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व सभी के लिए प्रेरणादायक है.
कुर्बानी का सबक और इंसानियत का संदेश
जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने "मानवता और विश्व धर्मों का सम्मान" विषय को चुनने के लिए जमीयत अहले हदीस हिंद की तारीफ की. कहा कि इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने हमें कुर्बानी का सबक दिया है. उन्होंने मुसलमानों को जहां भी रहें, अपने आचरण से शांति और इंसानियत का उदाहरण प्रस्तुत करने की सलाह दी.
इस्लाम और मानवता का सम्मान
झारखंड के जमीयत अहले हदीस के अमीर कारी मोहम्मद युसूफ ने सम्मेलन पर खुशी जाहिर करते हुए इंसानियत और आपसी सम्मान पर जोर दिया। जमीयत अहले हदीस हिंद के संरक्षक मौलाना सलाहुद्दीन मकबूल ने भी इस्लाम में मानवता के सम्मान को प्रमुख बताते हुए कहा कि समाज में शांति, भाईचारे और सहयोग का माहौल बनाना आवश्यक है.
मालूम हो कि मस्जिद-ए-नबवी के इमाम का दिल्ली आगमन शुक्रवार को हुआ था, जहां एयरपोर्ट पर जमीयत अहले हदीस के प्रमुख पदाधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया.