उम्मीद है सुप्रीम कोर्ट करेगा न्याय: वक्फ संशोधन अधिनियम पर बोले मौलाना यासूब अब्बास

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 17-04-2025
Hopefully the Supreme Court will do justice: Maulana Yasoob Abbas spoke on the Waqf Amendment Act
Hopefully the Supreme Court will do justice: Maulana Yasoob Abbas spoke on the Waqf Amendment Act

 

लखनऊ 

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AISPLB) के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ चल रही सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास जताया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट की अब तक की टिप्पणियों ने न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा और मजबूत किया है.

 बातचीत में मौलाना अब्बास ने कहा, "आज सुनवाई का दूसरा दिन है और हम सुप्रीम कोर्ट से न्याय की पूरी उम्मीद कर रहे हैं. जिस तरह से कल कोर्ट ने मामले को सुना, उससे हमारी आशाएं और बढ़ गई हैं. अगर न्यायपालिका न्याय नहीं करेगी, तो फिर कोई कहां जाएगा? हम संविधान के दायरे में रहकर ही सभी मुद्दों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं."

उन्होंने आम जनता से एकता बनाए रखने और देश की शांति को भंग न होने देने की अपील करते हुए कहा, "मैं सभी लोगों से भाईचारा और एकता बनाए रखने की अपील करता हूं. कोई ऐसा कदम न उठाएं जिससे देश में अशांति फैले."

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई कर रहा है. बुधवार को अदालत ने संकेत दिया था कि वह अधिनियम के कुछ विवादित प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाने पर विचार कर सकती है. साथ ही, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संपत्तियों को लेकर हुई हिंसा पर भी चिंता जताई थी.

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा था कि कुछ प्रावधान गंभीर चिंता का विषय हैं. इसमें शामिल हैं:

  • वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति,

  • कलेक्टरों को वक्फ संपत्तियों पर विवादों के निपटारे की शक्ति देना,

  • न्यायालयों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने की प्रक्रिया.

हालांकि, जैसे ही पीठ अंतरिम आदेश सुनाने की ओर बढ़ी, केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अन्य पक्षों ने आग्रह किया कि आदेश पारित करने से पहले उनकी दलीलें सुनी जाएं.

इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई गुरुवार दोपहर 2 बजे के लिए निर्धारित की.इस पूरे मामले पर देशभर की नजरें टिकी हैं और अल्पसंख्यक समुदायों में सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद की जा रही है.