हिमाचल का मिंजर मेला सद्भाव की अनूठी मिसाल, मिर्जा परिवार बना रहा देवताओं के लिए मिंजर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 29-06-2024
 Minjar Mela
Minjar Mela

 

राकेश चौरासिया

मिंजर मेला हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध लोक उत्सव है. यह मेला न केवल अपनी रंगीन परेडों और जीवंत नृत्यों के लिए जाना जाता है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का भी शानदार प्रदर्शन करता है, जिसमें सांप्रदायिक सद्भाव का भी समावेश रहता है. जब तक देवताओं के लिए एक मुस्लिम परिवार मिंजर नहीं बनाता है, तब तक इस मेले के प्रारंभ होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
 
इस साल मिंजर मेला 28 जुलाई से चार अगस्त तक चलेगा, जो गंगा-जमुनी तहजीब का अनुपम उदाहरण है, क्योंकि यहां का एक मिर्जा परिवार वर्षों से भगवान लक्ष्मीनाथ और श्री रघुनाथ जी के लिए मिंजर तैयार करता है. यह मिंजर देवताओं को अर्पित किया जाता है, उसके पश्चात ही मिंजर मेला शुरू होता है. इस समय मिर्जा परिवार देवों के लिए मिंजर तैयार करने में व्यस्त है.
 
मिर्जा परिवार के स्त्री-पुरुष आबाल-वृद्ध सभी मिलजुल कर मिंजर बनाते हैं. एक धागे में रेशम, तिल्ला, डोरी और मोती पिरोए जाते हैं. तब मिंजर (छत्र) तैयार होता है. इस परिवार के वरिष्ठ सदस्य एजाज मिर्जा ने बताया कि उनका परिवार कई मिंजर तैयार करता है. एक मिंजर बनाने में 15-20 मिनट लगते हैं. उनका परिवार वैशाख महीने से ही मिंजर बनाना शुरू कर देता है.
 
मिंजर मेले का इतिहास 16वीं शताब्दी तक जाता है, जब चंबा के राजा साहिल वर्मन एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थे और पूरा राज्य संकट में था, तब उन्होंने आरोग्य पाने के लिए देवताओं का आह्वान किया था.
 
मेले का महत्व
 
मिंजर मेला हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह मेला भाईचारे और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है. मेले के दौरान, लोग पारंपरिक वेशभूषा पहनते हैं, लोक नृत्य करते हैं, और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. मेले में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का आनंद लेने और हस्तशिल्प खरीदने का भी अवसर मिलता है.
 
मेले के मुख्य आकर्षण
 
  • मिंजर की परेड: मेले का मुख्य आकर्षण मिंजर नामक एक विशाल लकड़ी की संरचना की परेड होती है. मिंजर को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे रंगीन कपड़ों और फूलों से सजाया जाता है.
  • नृत्य और संगीत: मेले में विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन होता है. इनमें हुलचुल, डोडी नृत्य, गड्डी नृत्य, और चंबा ठाकुर नृत्य शामिल हैं.
  • स्थानीय व्यंजन: मेले में विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया जा सकता है. इनमें सिड्डू,  धाम, और कड़वा शामिल हैं.
  • हस्तशिल्प: मेले में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प खरीदने का अवसर मिलता है. इनमें लकड़ी की नक्काशी, कालीन, ऊनी कपड़े, और चांदी के गहने शामिल हैं.
मिंजर मेला हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का अनुभव करने का एक शानदार अवसर है. यदि आप भारत की समृद्ध संस्कृति का अनुभव करना चाहते हैं, तो मिंजर मेला निश्चित रूप से आपके लिए एक जगह है.