जम्मू
जम्मू-कश्मीर के जम्मू और उधमपुर जिलों में बुधवार शाम अचानक बदले मौसम ने भारी तबाही मचाई. तेज हवाओं और मूसलधार बारिश ने दोनों क्षेत्रों में जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया. इस असामान्य मौसमी घटनाक्रम के कारण संरचनात्मक क्षति, पेड़ों का उखड़ना, सड़क संपर्क टूटना और बिजली आपूर्ति बाधित होने की खबरें सामने आई हैं.
राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी जम्मू में तेज हवाओं की मार से सिविल सचिवालय की चारदीवारी का एक हिस्सा गिर गया, जिसमें कंटीले तार भी टूटकर जमीन पर बिखर गए.
दीवार गिरने से पास में खड़े कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. प्रशासन ने तत्काल एक जेसीबी मशीन तैनात कर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है, ताकि क्षेत्र की पहुंच और सुरक्षा बहाल की जा सके.
उधमपुर जिले में भी स्थिति गंभीर रही. वहां तेज हवाओं के चलते सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए, जिससे कई मुख्य और संपर्क सड़कों पर आवागमन रुक गया.सतेनी पंचायत के पूर्व सरपंच पुरुषोत्तम गुप्ता ने बताया,"मैंने अपने क्षेत्र का निरीक्षण किया है.
यहां कई पेड़ उखड़ गए हैं और सड़कों पर गिर गए हैं. नतीजन यातायात ठप है और कई इलाकों में बिजली सप्लाई पूरी तरह बाधित है। चार से पांच सालों में इतनी तेज हवाएं नहीं देखी गई थीं."
उन्होंने यह भी बताया कि क्षेत्र में नुकसान का वास्तविक आकलन गुरुवार सुबह तक ही हो सकेगा.प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपदा प्रतिक्रिया बल (DRF) की टीमें सक्रिय कर दी हैं। ये टीमें बाधित सड़कों को खोलने, पेड़ों को हटाने और आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के काम में जुटी हुई हैं.
बिजली विभाग की टीमें भी विभिन्न क्षेत्रों में आपूर्ति बहाल करने के प्रयास कर रही हैं. प्राथमिकता उन क्षेत्रों को दी जा रही है जहां स्वास्थ्य सेवाएं या अत्यावश्यक संस्थान स्थित हैं.
मौसम विभाग के अनुसार, यह घटना क्षेत्र में मौसमी बदलाव का परिणाम है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की तीव्र और अनियमित मौसमी घटनाएं जलवायु परिवर्तन की चेतावनी हो सकती हैं. जम्मू और उधमपुर में आम तौर पर अप्रैल महीने में इस प्रकार की तेज हवाएं नहीं चलतीं, लेकिन इस बार हालात अलग रहे.
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, गुरुवार सुबह तक नुकसान का विस्तृत आकलन तैयार किया जाएगा, जिसके आधार पर प्रभावित लोगों को मुआवजा देने और पुनर्वास कार्यों की रूपरेखा तय की जाएगी.
फिलहाल राज्य सरकार और जिला प्रशासन लोगों से संयम बनाए रखने और प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील कर रही है.
र उधमपुर में बुधवार शाम की तेज हवाओं और बारिश ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के प्रति तैयारियों की हकीकत सामने रख दी है. राहत और पुनर्स्थापना कार्य भले ही शुरू हो गए हों, लेकिन इस घटना ने बुनियादी ढांचे की कमजोरी, आपदा प्रबंधन की वास्तविक स्थिति और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.