आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट आज, बुधवार 16 अप्रैल को, वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. यह मामला मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष लिस्टेड है, जिसमें न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन भी शामिल हैं.
वक्फ अधिनियम, 1995 में हाल ही में किए गए संशोधनों को लेकर कई पक्षों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. इन याचिकाओं में दावा किया गया है कि नया अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 25 और 26 (धार्मिक स्वतंत्रता), 29 (अल्पसंख्यक संरक्षण), और 300 ए (संपत्ति का अधिकार) जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का विरोध
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, आप नेता अमानतुल्लाह खान, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, SDPI और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग समेत कई अन्य संस्थाओं और नेताओं ने इस संशोधन को चुनौती दी है. उनका तर्क है कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन करता है और संविधान के मूल ढांचे के विपरीत है./
सरकार और समर्थक पक्षों का पक्ष
वहीं दूसरी ओर, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और उत्तराखंड जैसे भाजपा-शासित राज्यों ने इस अधिनियम का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है.
हिंदू सेना ने भी कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि पुराना वक्फ कानून गैर-मुस्लिमों की संपत्तियों के अधिकारों का उल्लंघन करता था और नया कानून इस असंतुलन को ठीक करता है.
केंद्रीय मंत्री की सफाई
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि वक्फ संशोधन अधिनियम से किसी मुसलमान के अधिकारों को नुकसान नहीं होगा, बल्कि इससे वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन से गरीब मुसलमानों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार "सबका साथ, सबका विकास" की नीति के तहत काम कर रही है..
वक्फ क्या है?
इस्लामी परंपरा में वक्फ एक धार्मिक या सामाजिक उद्देश्य के लिए की गई संपत्ति की स्थायी भेंट होती है, जिसका उपयोग मस्जिद, स्कूल, अस्पताल या अन्य जनहित के संस्थानों के लिए किया जाता है। वक्फ बोर्ड इन संपत्तियों का प्रबंधन करता है.
अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि संशोधित वक्फ अधिनियम संविधान की कसौटी पर खरा उतरता है या नहीं. आज की सुनवाई में इस पर विस्तृत बहस होने की संभावना है.अगर आप चाहें तो मैं सुनवाई के बाद अपडेट भी दे सकता हूँ.