हरियाणा: मुस्लिमों ने थाना घेरा, सरपंच पर एफआईआर दर्ज

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 29-03-2025
Haryana: Muslims surrounded the police station, FIR lodged against the Sarpanch
Haryana: Muslims surrounded the police station, FIR lodged against the Sarpanch

 

यमुनानगर. हरियाणा के यमुनानगर में जुमे की नमाज के दिन सरपंच की टिप्पणी को लेकर बवाल हो गया. इस दौरान सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोगों ने बुड़िया थाने का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की. अमादलपुर गांव के सरपंच ने सोशल मीडिया पर मुस्लिम समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की, जिससे मुस्लिम समाज के लोगों में काफी रोष है. थाना प्रभारी ने मामला दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज कर दी है.

दरअसल, यमुनानगर के बुड़िया थाने में उस वक्त हंगामा हुआ जब सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोग एकजुट होकर अमादलपुर गांव के सरपंच के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचे. मुस्लिम समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि अमादलपुर गांव के सरपंच ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने सोशल मीडिया पर हमारे नबी और कुरान के बारे में अपवित्र भाषा का इस्तेमाल किया है, जो बिल्कुल भी सहनीय नहीं है.

गुलफाम ने बताया कि गांव के सरपंच ने आपसी भाईचारा और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है, जिसकी शिकायत लेकर आज हम थाने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी अमादलपुर गांव के सरपंच अखिलेश इस तरह की हरकत कर चुका है.

वहीं, दूसरे युवक जुल्फकार ने बताया कि हम अमादलपुर गांव के सरपंच के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जब हम किसी धर्म के बारे में कुछ गलत नहीं कहते तो उन्हें हमारे धर्म के बारे में लिखने का कोई अधिकार नहीं है. थाना प्रभारी के आश्वासन के बाद सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोग अपने घर वापस लौटे. हालांकि पुलिस ने इस मामले में आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन मामला दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी है.

उधर, यमुनानगर जिले की सबसे बड़ी और प्राचीन चांदपुर की मस्जिद में रमजान के आखिरी जुमे पर सैकड़ों नमाजी बाजू पर काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करने के लिए पहुंचे. उन्होंने कहा कि संसद में वक्त संशोधन विधेयक 2025 पारित हुआ है. हम उसका विरोध करते हैं.

मस्जिद के मौलाना इकराम ने बताया कि यह करीब 50 साल पुराना मामला है, जब कुछ मुस्लिम भाई हिंदुस्तान छोड़कर पाकिस्तान की शरण लेने के लिए गए थे, तो उन्होंने यह जमीन वक्फ बोर्ड के नाम दान की थी. अब यह जमीन वक्फ बोर्ड की है, तो फिर किसी और का हक नहीं हो सकता. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह हमारे धार्मिक मामलों में इंटरफेयर है जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.