पीलीभीत. नफरत के इस दौर में आज भी यूपी के पीलीभीत जिले के सबसे बड़े मुस्लिम बाहुल्य गांव में होली का माहौल कुछ अलग है. यहां नवाबों के दौर से ही मुसलमानों को गाली देने का रिवाज चलता आ रहा है. खास बात है कि इससे मुस्लिम नाराज नहीं होते हैं,बल्कि हिंदुओं को फगुआ देकर विदा करते हैं. गौरतलब है कि मुस्लिम समुदाय के लोग होलिका दहन की तैयारियों में हिंदुओं का साथ भी देते हैं. यहां होली के दिन गाली देने का रिवाज नवाबों के दौर से ही चला आ रहा है.
वोट बैंक की राजनीति के चलते आज जब हिंदू-मुस्लिम के बीच गहरी खाई पैदा हो गई है. वहीं शेरपुर की होली हिंदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक है और इस नफरत पर एक करारा तमाचा है. यहां हिंदुओं से ज्यादा मुसलमान होली की धमाल में शामिल होते हैं और इसका आनंद लेते हैं. यहां सालों से यह अनोखी परंपरा चली आ रही है.
दरअसल, हिंदू होली के दिन मुसलमानों के दरवाजे पर जाकर गालियां देते हैं, वहीं इससे नाराज होने के बजाय मुस्लिम परिवार होली की बधाई के साथ कुछ नजराना भी देते हैं. जब तक नजराना नहीं मिल जाता, गालियों का सिलसिला जारी रहता है.
95 फीसदी मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले इस गांव में पहले हिन्दुओं की संख्या अधिक थी लेकिन अब आधुनिकता की चकाचौंध में ज्यादातर सराफ शेरपुर छोड़कर पूरनपुर जाकर रहने लगे हैं. ऐसे में अब यहां हिन्दुओं की आबादी दो हजार ही है. खास बात यह है कि सभी एक दूसरे का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं.
मुस्लिम समुदाय के लोग होलिका दहन की तैयारियों में हिंदुओं का साथ भी देते हैं. यहां होली के दिन गाली देने का रिवाज नवाबों के दौर से ही चला आ रहा है. पीढ़ियां बदल गई लेकिन ये रिवाज आज भी चला आ रहा है. 45 हजार आबादी वाले इस गांव में केवल 2 हजार ही हिंदू हैं. लेकिन बावजूद इसके यहां कभी सांप्रदायिक तनाव नहीं देखने को मिला.