सपने में आए हनुमान जी, इसलिए सफिना फिरोज खान करवाएंगे भागवत कथा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 28-09-2024
सपने में आए हनुमान जी, इसलिए सफिना फिरोज खान करवाएंगे भागवत कथा
सपने में आए हनुमान जी, इसलिए सफिना फिरोज खान करवाएंगे भागवत कथा

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-ग्वालियर 

यहां की भितरवार नगर पालिका के वार्ड नंबर 15में एक मुस्लिम परिवार ने एक ऐसी पहल की है, जो गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बन गई है. सफिना फिरोज खान और उनके परिवार द्वारा 3अक्टूबर से 9अक्टूबर तक हनुमान मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. इस कथा का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कथा वाचक डॉ. श्याम सुंदर पाराशर शास्त्री करेंगे.

सनातन धर्म के प्रति श्रद्धा

सफिना फिरोज खान का परिवार मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है, लेकिन उनकी आस्था सनातन धर्म में गहरी है. फिरोज खान ने बताया कि एक बार उन्हें स्वप्न में हनुमान जी के प्राचीन मंदिर के जीर्णोद्धार और नगर में भागवत कथा सुनवाने की प्रेरणा मिली. तभी से उनका झुकाव सनातन धर्म की ओर बढ़ता गया और आज उनका परिवार पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान मंदिर से जुड़ा हुआ है.

फिरोज खान का कहना है कि जब उन्होंने मंदिर का पुनर्निर्माण कराया और कथा आयोजित करने का संकल्प लिया, तब से उनकी फसल की पैदावार भी बेहतर होने लगी. उनके अनुसार, ‘‘भगवान का काम है, इसलिए मैं भागवत कथा करवा रहा हूँ. हमें हिंदुस्तान में रहते हुए यहां के रीति-रिवाजों को मानना चाहिए और एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए.’’

परिवार का सामाजिक संघर्ष

हालांकि, फिरोज खान की इस धार्मिक आस्था ने उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करवाया है. मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उन्हें बुलाना बंद कर दिया, पर फिरोज खान इससे विचलित नहीं होते. वे कहते हैं, ‘‘ऊपर वाला तो एक है, लेकिन हमने उसे धर्म के आधार पर बांट दिया है.’’ उनका परिवार अब हर जगह भागवत कथा में सम्मिलित होता है और उनके सनातन प्रेम ने नगर में भी एक मिसाल कायम की है.

नगर में उत्साह

इस भागवत कथा के आयोजन की खबर नगर में तेजी से फैली है, और लोगों में काफी उत्साह है. भव्य आयोजन का प्रचार-प्रसार भी शुरू हो चुका है. नगर के लोगों को कथा सुनाने के लिए यह आयोजन एक सांस्कृतिक और धार्मिक समागम की तरह देखा जा रहा है.

सफिना फिरोज खान के इस कदम को गंगा-जमुनी तहजीब का एक बेहतरीन उदाहरण माना जा रहा है, जहां धर्म और आस्था के प्रति एकता और सम्मान को सर्वोपरि रखा गया है.