केरल में गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने विजयादशमी पर करवाया ‘विद्यारम्भम’, बच्चों ने लिखा ‘हरिश्री’

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 13-10-2024
Governor Arif Mohammad Khan organised 'Vidyarambham' on Vijayadashami in Kerala, children wrote 'Harishree'
Governor Arif Mohammad Khan organised 'Vidyarambham' on Vijayadashami in Kerala, children wrote 'Harishree'

 

तिरुवनंतपुरम. केरल राजभवन ने रविवार को विजयादशमी के अवसर पर बच्चों को सीखने की दुनिया से परिचित कराने के लिए विद्यारम्भम समारोह का आयोजन किया. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तिरुवनंतपुरम में राजभवन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नन्हे-मुन्नों को उनके पहले अक्षर लिखने में मदद की.

इस शुभ अवसर पर केरल में हजारों नन्हे-मुन्नों को अक्षर और ज्ञान की दुनिया में दीक्षित किया गया, जो नौ दिनों तक चलने वाले वार्षिक नवरात्रि उत्सव के समापन का प्रतीक है. केरल में, विजयादशमी को विद्यारम्भम के दिन के रूप में मनाया जाता है, जो सीखने की शुरुआत है.

परंपरा के अनुसार, विद्वान, लेखक, शिक्षक, पुजारी और समाज के अन्य सम्मानित व्यक्ति इस विशेष अवसर पर छोटे बच्चों, आमतौर पर दो से तीन साल की उम्र के बच्चों को सीखने के अपने पहले अक्षर लिखने में मार्गदर्शन करते हैं. वे छोटों को चावल से भरी थाली पर ‘हरिश्री’ लिखने में मदद करते हैं या फिर बच्चे की जीभ पर सोने की अंगूठी से इसे बनाते हैं.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी आज तिरुवनंतपुरम के सरस्वती मंदिर में विद्यारम्भम समारोह में बच्चों को उनके पहले अक्षर लिखने की दीक्षा दी.

इस अवसर पर बोलते हुए, शशि थरूर ने कहा, ‘‘विद्यारम्भम एक बहुत ही महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो आमतौर पर देवी सरस्वती की भक्ति में किया जाता है. हमारे लिए नवरात्रि मुख्य रूप से देवी सरस्वती के बारे में है. इसलिए सीखना पूजा की परिणति है. हम छोटे बच्चों को वर्णमाला के पहले अक्षर सिखाते हैं, इसे अक्षरों की शुरुआत कहा जाता है. माता-पिता अपने बच्चों को लाते हैं, वे आपकी गोद में बैठते हैं या आपके बगल में खड़े होते हैं, अनाज की थाली, आमतौर पर चावल की थाली पर लिखते हैं और हम ‘ओम हरि श्री’ लिखते हैं.’’

केरल के एर्नाकुलम में उत्तरी परवूर के दक्षिण मूकाम्बिका मंदिर में भी विद्यारम्भम समारोह का आयोजन किया गया, ताकि बच्चों को विजयादशमी पर अपना पहला अक्षर लिखने में मदद मिल सके. विद्यारम्भम या ‘एज्थिनीरुथु’ विजयादशमी के दिन केरल भर में प्रचलित कई रीति-रिवाजों में से एक है. मूल रूप से, विद्यारम्भम का अर्थ है ज्ञान की शुरुआत (विद्या का अर्थ है ज्ञान और आरंभम का अर्थ है आरंभ करना).

बच्चों को पहले चावल की थाली पर लिखने के लिए कहा जाता है और फिर जो व्यक्ति बच्चे को लिखना सिखाता है, वह सोने की अंगूठी या सिक्के का उपयोग करके बच्चे की जीभ पर अक्षर भी लिखता है. यह प्रतीकात्मक रूप से लिखने और बोलने की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करता है.

 

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