सरकार 4,740 डिजिटल सर्विस सेंटर करेगी लॉन्च, ग्रामीण इलाकों में समावेशी विकास को मिलेगा बढ़ावा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-11-2024
Government will launch 4,740 digital service centers, inclusive development will be promoted in rural areas
Government will launch 4,740 digital service centers, inclusive development will be promoted in rural areas

 

नई दिल्ली. भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को डिजिटल इंडिया कॉमन सर्विस सेंटर ( डीआईसीएससी) प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया. इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में डिजिटल डिवाइड को कम करना है और प्रत्येक नागरिक तक डिजिटल सर्विसेज की पहुंच को सुनिश्चित करना है.  

इस प्रोजेक्ट की शुरुआत उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और गोरखपुर से होगी. इसके तहत 10 जिलों की सभी ग्राम पंचायतों में एक मॉडल डीआईसीएससी सेंटर स्थापित किया जाएगा, इससे देश भर में 4,740 केंद्र बनेंगे. ये केंद्र आधार पंजीकरण, बैंकिंग, वित्तीय नियोजन, टेली-लॉ, टेलीमेडिसिन, शिक्षा और ई-कॉमर्स सपोर्ट सहित कई तरह की सेवाएं प्रदान करेंगे.

पीलीभीत में 720 डीआईसीएससी सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जबकि गोरखपुर में 1,273 सेंटर होंगे.

इसके अतिरिक्त छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र) में 870, चंबा (हिमाचल प्रदेश) में 309, खम्मम (तेलंगाना) में 589, गांधीनगर (गुजरात) में 288, ममित (मिजोरम) में 100, जोधपुर (राजस्थान) में 415, लेह (लद्दाख) में 95 और पुडुचेरी राज्य में 81 डीआईसीएससी सेंटर बनाए जाएंगे.

इस प्रोजेक्ट का बजट 31.60 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है. यह शुरू में छह महीने तक चलेगी, जिसके नौ महीने तक बढ़ने की संभावना है.

ये डिजिटल सेंटर ग्रामीण नागरिकों को वित्तीय और वाणिज्यिक सेवाओं के साथ-साथ आवश्यक ई-गवर्नेंस सेवाएं प्रदान करेंगे.

मंत्रालय ने कहा कि सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया इन केंद्रों की केंद्रीकृत तकनीकी निगरानी का प्रबंधन और कार्यान्वयन करेगी, जिससे रोजगार के अवसर खुलेंगे और डिजिटल साक्षरता बढ़ेगी.

मंत्रालय ने आगे कहा, “प्रत्येक सीएससी एक मल्टी-फंक्शनल सर्विस सेंटर के रूप में कार्य करेगा और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और आधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस होगा. इस परियोजना का उद्देश्य ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) को सशक्त बनाना, स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है."

मंत्रालय ने कहा, "सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने और दूरदराज के क्षेत्रों में सीधे आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए जीपीएस-सक्षम मोबाइल वैन तैनात किए जाएंगे." 

 

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