जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद सरकार: उमर अब्दुल्ला आज बनेंगे मुख्यमंत्री

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 16-10-2024
Government in Jammu and Kashmir after 10 years: Omar Abdullah will become the Chief Minister today
Government in Jammu and Kashmir after 10 years: Omar Abdullah will become the Chief Minister today

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

16 अक्टूबर 2024 का दिन जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक अहम मोड़ साबित होने जा रहा है. लगभग एक दशक बाद यहां एक चुनी हुई सरकार का गठन होने जा रहा है. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन ने जीत दर्ज की है, और उमर अब्दुल्ला एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.

शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन डल झील के किनारे स्थित शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में होने वाला है, जिसे लेकर राज्य के साथ-साथ पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं.

यह शपथ ग्रहण समारोह सिर्फ जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि कांग्रेस और 'इंडिया' गठबंधन के लिए भी एक विशेष अवसर है. कांग्रेस पार्टी इसे अपनी एकता और विपक्षी ताकत का प्रतीक मान रही है, और इस मौके को भुनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है.


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'इंडिया' गठबंधन की ताकत का प्रदर्शन

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन ने यह सुनिश्चित किया है कि शपथ ग्रहण समारोह न केवल उमर अब्दुल्ला और उनके परिवार के लिए महत्वपूर्ण हो, बल्कि पूरे विपक्षी दलों के लिए एकजुटता और ताकत का प्रदर्शन बने. कांग्रेस का मानना है कि यह समारोह 'इंडिया' गठबंधन की एकजुटता को प्रदर्शित करने का एक सुनहरा मौका है. खासकर ऐसे समय में जब पार्टी हरियाणा की हार से उबरने की कोशिश कर रही है.

इस आयोजन के लिए 'इंडिया' गठबंधन के तमाम शीर्ष नेताओं को आमंत्रित किया गया है, जिनमें राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रमुख अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के लालू प्रसाद यादव, डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन, शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के  अरविंद केजरीवाल जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं.

इस शपथ ग्रहण समारोह में केवल ये ही नेता नहीं, बल्कि कई अन्य वरिष्ठ राजनेता और प्रमुख विपक्षी दलों के नेता भी हिस्सा ले सकते हैं, जो इस मौके को विपक्षी गठबंधन के मजबूत और एकजुट संदेश के रूप में देख रहे हैं.


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उमर अब्दुल्ला की सरकार में कांग्रेस की भूमिका पर चर्चा

नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन कर चुनाव जीतने के बाद, अब यह सवाल उठ रहा है कि उमर अब्दुल्ला की सरकार में कांग्रेस की भूमिका क्या होगी. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने गठबंधन सरकार में दो मंत्रालयों की मांग की थी, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस ने केवल एक मंत्रालय देने का प्रस्ताव रखा है. एनसी ने अपनी शर्तों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि गठबंधन सरकार में वह प्रमुख भागीदार रहेगी और फैसले उसके नेतृत्व में लिए जाएंगे.

हालांकि, कांग्रेस इस समय व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए गठबंधन सरकार में अपनी हिस्सेदारी पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. पार्टी की प्राथमिकता अब राष्ट्रीय स्तर पर 'इंडिया' गठबंधन को मजबूत करना है, ताकि आने वाले महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कड़ी टक्कर दी जा सके.

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का उद्देश्य इस गठबंधन को इतना मजबूत बनाना है कि वह राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरे और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती दे सके.

राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में यह गठबंधन का महत्वपूर्ण कदम

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन से 'इंडिया' गठबंधन को एक नया उत्साह मिलेगा. यह गठबंधन न सिर्फ राज्य की राजनीति में बदलाव लाएगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के लिए एकजुटता और ताकत का संदेश देगा. उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनने से जम्मू-कश्मीर की राजनीति में स्थिरता आएगी और साथ ही केंद्र सरकार के सामने विपक्षी दलों की एकजुटता का नया उदाहरण पेश किया जाएगा.

यह शपथ ग्रहण समारोह जहां उमर अब्दुल्ला और उनके समर्थकों के लिए खुशी का मौका है, वहीं यह कांग्रेस और 'इंडिया' गठबंधन के लिए भी एक ऐसा मौका है, जिसे भुनाकर वे अपने राजनीतिक कद को और मजबूत कर सकते हैं.