अजमेर (राजस्थान). मानवीय सेवा, साहित्य और गहन ज्ञान के गहन आध्यात्मिक और सामंजस्यपूर्ण संगम में, प्रतिष्ठित वैश्विक शांति पुरस्कार राधा स्वामी सत्संग ब्यास (आरएसएसबी) को प्रदान किया गया. यह समारोह ख्वाजा गरीब नवाज (आरए) की ऐतिहासिक 11वीं सदी की दरगाह अजमेर शरीफ सूफी दरगाह के पवित्र वातावरण में हुआ. इस महत्वपूर्ण अवसर ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास (आरएसएसबी) के आध्यात्मिक प्रमुख श्रद्धेय बाबाजी गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी के गहन मार्गदर्शन के तहत वैश्विक मानवीय सेवा के प्रति आरएसएसबी की अटूट प्रतिबद्धता को मान्यता दी.
यह पुरस्कार दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती द्वारा आध्यात्मिक बुजुर्गों, खुद्दाम ए ख्वाजा समुदाय के वरिष्ठ सदस्यों अंजुमन सैयद जादगान के अधिकारियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया, जिन्होंने असाधारण नेतृत्व और दूरदर्शिता की सराहना की. राधा स्वामी सत्संग ब्यास शांति, एकता और वैश्विक भाईचारे को बढ़ावा देता है.
यह मान्यता आरएसएसबी की निस्वार्थ सेवा के प्रति समर्पण के प्रमाण के रूप में कार्य करती है, जो प्रेम, करुणा और निस्वार्थता की शिक्षाओं को दर्शाती है जो चिश्ती सूफी आदेश के आध्यात्मिक दर्शन और शिक्षाओं के साथ प्रतिबिंबित होती है. बाबाजी गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी, लाखों राधा स्वामी सत्संग ब्यास अनुयायियों के लिए आशा की किरण और मार्गदर्शक प्रकाश रहे हैं, जिन्होंने अनगिनत व्यक्तियों को निस्वार्थ रूप से मानवता की सेवा करने और आध्यात्मिक जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया है. उनके दृष्टिकोण ने आरएसएसबी के मानवीय प्रयासों को प्रेरित किया है, जिससे वैश्विक स्तर पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
इस कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण साहित्यिक कृति ‘ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती - गरीबों का अजमेर हितैषी’ की उल्लेखनीय पुस्तक का विमोचन भी हुआ. टी. आर. शंगारी द्वारा लिखित पुस्तक, ख्वाजा गरीब नवाज (आर) के महान जीवन और सूफी शिक्षाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करती है और मानव भाईचारे और समस्त सृष्टि के प्रति बिना शर्त प्यार और सेवा के महत्व पर जोर देती है.
पुस्तक का विमोचन आरएसएसबी के वरिष्ठ अधिकारियों जनाब जे.सी. सेठी जी और जनाब गुरमिंदर बडेसिया जी की उपस्थिति में किया गया, जो चिश्ती सूफी आदेश के कालातीत ज्ञान और मूल्यों को समाहित करती है. इस अवसर पर सचिव दिगपाल शर्मा जी, सुनील सबलानी और अन्य वरिष्ठ सदस्यों सहित अजमेर डिवीजन आरएसएसबी सेवादार भी उपस्थित थे.
यह समारोह आध्यात्मिकता, साहित्य और प्रेम और सेवा के सार्वभौमिक संदेश का एक सुंदर मिश्रण था. इसने विभिन्न पृष्ठभूमियों और आध्यात्मिक मान्यताओं वाले व्यक्तियों को एकजुट किया, एकता और समझ के माहौल को बढ़ावा दिया. महान सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज (आरए) की शिक्षाएं और बिना शर्त प्यार लोगों को सभी सीमाओं को पार करते हुए निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित करती रहती हैं.
‘वैश्विक शांति पुरस्कार8 अधिक दयालु और सामंजस्यपूर्ण दुनिया के लिए एक साझा दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है. राधा स्वामी सत्संग ब्यास और चिश्ती फाउंडेशन मानवता के लिए शांति, प्रेम और सेवा के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं.
चिश्ती फाउंडेशन मानवीय सेवा और सभी समुदायों के बीच शांति, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन हाजी सैयद सलमान चिश्ती मानवता की सेवा के अपने मिशन में फाउंडेशन का नेतृत्व करते हैं.
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