Gangster Aman Sahu, who committed more than 150 crimes in many states including Jharkhand-Chhattisgarh, killed in police encounter
रांची
झारखंड और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में 150 से भी ज्यादा आपराधिक वारदात अंजाम देने वाला कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू मंगलवार सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है. यह मुठभेड़ पलामू जिले के चैनपुर में हुई है. अमन पिछले कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ की रायपुर जेल में बंद था.
झारखंड पुलिस ने उसे हाल में अंजाम दी गई घटनाओं के संबंध में पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था. पुलिस की टीम उसे सोमवार की रात रायपुर से लेकर रांची ला रही थी. बताया गया कि रायपुर से रांची के रास्ते में चैनपुर थाना क्षेत्र के अंधारी ढोढा नामक जगह पर अमन के गैंग ने पुलिस की गाड़ी पर बम से हमला किया. इससे पुलिस की गाड़ी असंतुलित हो गई.
पुलिस का दावा है कि अमन साहू ने मौके का फायदा उठाने की कोशिश की और पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा. पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो उसने फायरिंग कर दी. जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें अमन साहू मारा गया. पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर अमन साहू की मौत की पुष्टि की है.
उन्होंने बताया है कि मुठभेड़ में एक जवान को भी गोली लगी है. मौके पर एंबुलेंस को भेजा गया है. अमन रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव का रहने वाला था. आपराधिक मामलों की जांच में यह बात सामने आई थी कि अमन साहू के संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से हैं. वह पूर्व में झारखंड की सरायकेला जेल में बंद था. 14 अक्टूबर, 2024 को छत्तीसगढ़ की पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर ले गई थी. तभी से वह रायपुर जेल में बंद था.
अमन साहू दो मामलों में अदालत से सजायाफ्ता था. झारखंड के रामगढ़ के एक आपराधिक मामले में उसे छह साल और लातेहार के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी. तीन दिन पहले रांची में कोल ट्रांसपोर्टर बिपिन मिश्रा पर फायरिंग की घटना की जिम्मेदारी अमन साहू के गैंग ने ली थी. अमन के सबसे खास गुर्गे मयंक सिंह ने इसे लेकर बकायदा सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला था.
शनिवार को हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम (डिस्पैच) कुमार गौरव हत्याकांड में भी पुलिस को अमन साहू गैंग का हाथ होने का संदेह था. इन दोनों मामलों में पुलिस उससे पूछताछ करना चाहती थी. सोमवार को डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि अमन साहू जैसे गैंगस्टर जेल से ही आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इसके लिए वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता है.