जी20 शिखर सम्मेलनः भारत-सऊदी-यूएई-यूरोप मेगा कॉरिडोर डील की घोषणा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 09-09-2023
India-Saudi-UAE-Europe mega corridor deal announced
India-Saudi-UAE-Europe mega corridor deal announced

 

आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली

भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूरोपीय संघ ने शनिवार को जल्द ही एक मेगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कनेक्टिविटी कॉरिडोर शुरू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते की घोषणा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की और उनके साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूरोपीय संघ के नेता भी मौजूद थे.

यह भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका से जुड़े कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर सहयोग पर एक ऐतिहासिक और अपनी तरह की पहली पहल है.

लॉन्च पर पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मैं इस कार्यक्रम में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं. मैं अपने मित्र राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ इस कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता करके बहुत खुश हूं. आज हम सभी ने एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण समझौते का समापन देखा है. आने वाले दिनों में यह भारत, दक्षिण एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का एक प्रभावी माध्यम होगा.’’

यहां जी20 शिखर सम्मेलन के भारत मंडपम स्थल पर बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि यह मेगा डील दुनिया भर में कनेक्टिविटी और स्थिरता को एक स्थायी दिशा देगी. उन्होंने कनेक्टिविटी कॉरिडोर का हिस्सा रहे सभी नेताओं को भी बधाई दी.

पीएम मोदी ने कहा, “मजबूत कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा मानव सभ्यता के विकास की नींव है. भारत ने अपने विकास क्रम में इस मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. भौतिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ, सामाजिक, आर्थिक और वित्तीय बुनियादी ढांचे में भी अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है.”

उन्होंने कहा, ‘‘इसके माध्यम से हम विकसित भारत की मजबूत नींव रख रहे हैं. एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में, भारत ने वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच रेलवे, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी साझेदारी के क्षेत्र में बुनियादी ढांचा परियोजनाएं स्थापित की हैं. हमने मांग-संचालित और पारदर्शी दृष्टिकोण पर विशेष जोर दिया है.’’

 


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प्रधानमंत्री ने आगे संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने पर जोर दिया और कहा कि विभिन्न देशों के बीच कनेक्टिविटी से न केवल व्यापार बढ़ता है बल्कि उनके बीच विश्वास भी बढ़ता है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि विभिन्न देशों के बीच कनेक्टिविटी न केवल व्यापार, बल्कि उनके बीच विश्वास भी बढ़ाती है. कनेक्टिविटी पहल को बढ़ावा देकर, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम दर्शन पर कायम रहें, यानी अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन, सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान.’’

बुनियादी ढांचे के सौदे से मध्य पूर्व के देशों को रेलवे के नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने की उम्मीद है. यह नेटवर्क क्षेत्र के बंदरगाहों से शिपिंग लेन के माध्यम से भारत से भी जुड़ेगा.

व्हाइट हाउस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने पहले कहा था कि ‘‘इस सौदे से क्षेत्र के निम्न और मध्यम आय वाले देशों को लाभ होगा, और वैश्विक वाणिज्य में मध्य पूर्व के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका सक्षम होगी. हम इसे इसमें शामिल देशों के लिए एक उच्च अपील के रूप में देखते हैं, और विश्व स्तर पर भी क्योंकि यह पारदर्शी है, क्योंकि यह एक उच्च मानक है क्योंकि यह जबरदस्ती नहीं है.’’

पहल के बारे में अधिक जानकारी देते हुए, फाइनर ने कहा कि यह सिर्फ एक रेलवे परियोजना नहीं थी, बल्कि एक शिपिंग और रेलवे परियोजना थी. फाइनर ने कहा, ‘‘यह सिर्फ रेलवे परियोजना नहीं है, यह एक शिपिंग और रेलवे परियोजना है और लोगों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह कितना व्यापक, महत्वाकांक्षी और अभूतपूर्व होगा.’’ फाइनर ने इस बनने वाली परियोजना को ‘सकारात्मक’ करार दिया, जिसका उद्देश्य वंचितों की सेवा करना है.

व्हाइट हाउस के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, ‘‘जिस तरह से हम इन्फ्रा प्रोजेक्ट को देखते हैं, यह एक सकारात्मक सकारात्मक प्रोजेक्ट है. इसमें बुनियादी सुविधाओं से वंचित देशों के लिए अपील है. हम देशों से शून्य-राशि विकल्प चुनने के लिए नहीं कह रहे हैं. हमने अन्य प्रयास भी देखे हैं जो उतने महत्वाकांक्षी नहीं हैं, हम जो प्रदान करते हैं उसके विपरीत हमें अच्छा लगता है.’’

भारत मंडपम में पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट (पीजीआईआई) और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘‘यह वास्तव में एक बड़ी बात है. मैं पीएम को धन्यवाद देना चाहता हूं. एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य जो इस जी 20 शिखर सम्मेलन का फोकस है. और कई मायनों में, यह इस साझेदारी का भी फोकस है जिसके बारे में हम आज बात कर रहे हैं. टिकाऊ, लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे में निवेश करना और बेहतर भविष्य का निर्माण करना...’’

मंच पर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने कहा, ‘‘... हम इस बैठक में घोषित पहल और आर्थिक गलियारा परियोजना के एकीकरण की आशा करते हैं. मैं उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने साथ काम किया. हमें इस महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारे की स्थापना के लिए इस संस्थापक कदम तक पहुंचना है...’’

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा, ‘‘...तो अब यहां यूरोपीय आयोग के साथ, हम इस सड़क पर आपके साथ निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. और यह बड़े अवसर प्रदान करने और लोगों को जोड़ने के लिए एशिया से मध्य पूर्व तक यूरोप तक एक बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना है.’’

मैक्रॉन ने कहा, “लेकिन हमारा इरादा इसे वास्तविक बनाने और यह सुनिश्चित करने का भी है कि इस प्रतिबद्धता के बाद हमारे पास ठोस परिणाम हों और विशेष रूप से पहली वैश्विक हरित व्यापार सड़क हो, जिसका अर्थ है शुद्ध शून्य परिवहन बुनियादी ढांचा हो.”

यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘‘अधिक बड़े पैमाने की परियोजनाएं प्रकाश में आ रही हैं... हम आज उनमें से दो प्रस्तुत कर रहे हैं. पहला भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा... यह सबसे सीधा संबंध होगा भारत, अरब की खाड़ी और यूरोप के बीच आज तक...यह दूसरी परियोजना की भावना भी है जिसकी हम आज घोषणा करते हैं ट्रांस अफ्रीकन कॉरिडोर...’’