नई दिल्ली
भारत में 5G सब्सक्रिप्शन 2030 के अंत तक लगभग 970 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जो कुल मोबाइल सब्सक्रिप्शन का 74 प्रतिशत है. मंगलवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष के अंत तक 5जी सब्सक्रिप्शन 270 मिलियन से अधिक हो जाने का अनुमान है, जो इस सेक्टर में कुल मोबाइल सब्सक्रिप्शन का 23 प्रतिशत है.
साथ ही, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में प्रति स्मार्टफोन औसत मासिक उपयोग सबसे अधिक है, जो 32 जीबी है और 2030 तक इसके 66 जीबी तक बढ़ने की उम्मीद है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने बड़े पैमाने पर मिड-बैंड को स्थापित किया है और 2024 के अंत तक इसके लगभग 95 प्रतिशत जनसंख्या कवरेज तक पहुंचने की उम्मीद है.
एरिक्सन के नेटवर्क समाधान, सॉफ्टवेयर और प्रदर्शन प्रमुख उमंग जिंदल ने कहा कि जेनएआई के कंज्यूमर अपटेक के साथ ट्रैफिक के साथ-साथ बेस लाइन में बढ़ोतरी होगी. भारत में पहले से ही सबसे ज्यादा प्रति स्मार्टफोन औसत मासिक उपयोग 32 जीबी है, जो 13 प्रतिशत सीएजीआर के साथ बढ़ रहा है और 2030 तक 66 जीबी तक पहुंच जाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार, 67 प्रतिशत 5जी स्मार्टफोन यूजर्स अगले पांच वर्षों में साप्ताहिक आधार पर जेनएआई एप का इस्तेमाल करेंगे.
नई ‘एरिक्सन कंज्यूमरलैब’ रिसर्च के अनुसार, तीन में से एक जेन जेड स्मार्टफोन यूजर का कहना है कि वे 5जी नेटवर्क पर ज्यादा बेहतर जेन एआई का एक्सपीरियंस की उम्मीद करते हैं.
इस रिसर्च में भारत में विश्वसनीय कनेक्टिविटी की बढ़ती मांग पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में टियर 3 शहरों में 5जी कनेक्टिविटी से उच्च संतुष्टि की रिपोर्ट करने वाले यूजर्स की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई.
रिपोर्ट के अनुसार, छह में से एक 5जी यूजर, यूजर इवेंट स्थलों पर सुनिश्चित कनेक्टिविटी के लिए अपने वर्तमान मासिक मोबाइल खर्च का 20 प्रतिशत भुगतान करने को तैयार हैं.
एरिक्सन के कंज्यूमर लैब के प्रमुख जसमीत सेठी ने कहा, "युवा पीढ़ी के एआई यूजर्स पहले से ही 5जी नेटवर्क पर ज्यादा बेहतर एआई एक्सपीरियंस की मांग कर रहे हैं. यह कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बेहतर कनेक्टिविटी एक्सपीरियंस के जरिए इस मांग को पूरा करने का अवसर दिखाता है."