विदेश मंत्री जयशंकर 15 जनवरी को ईरान जाएंगे

Story by  रावी | Published by  [email protected] | Date 13-01-2024
S. Jaishankar
S. Jaishankar

 

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ बातचीत करने के लिए सोमवार को ईरान की यात्रा करने वाले हैं. इस दौरान उनके लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति सहित कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है.

जयशंकर की तेहरान की नियोजित यात्रा इजराइल-हमास संघर्ष के बीच लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को हौथी आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जाने पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं की पृष्ठभूमि में हो रही है. अमेरिका और ब्रिटेन पहले ही यमन में हौथी ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले शुरू कर चुके हैं.

मामले से परिचित लोगों ने कहा कि विदेश मंत्री सोमवार को एक छोटी यात्रा के लिए ईरान जाने वाले हैं. दोनों पक्षों के बीच लाल सागर की स्थिति सहित कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की संभावना है. भारत लाल सागर में उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है.

जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच गुरुवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत में यह मुद्दा उठा. भारतीय नौसेना ने उत्तर और मध्य अरब सागर सहित महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में समुद्री वातावरण को देखते हुए समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए अपने अग्रिम पंक्ति के जहाजों और निगरानी विमानों की तैनाती पहले ही बढ़ा दी है.

भारतीय नौसेना के एक प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह कहा, ‘‘भारतीय नौसेना के जहाज और विमान बेहतर निगरानी बनाए रखने और समुद्री सुरक्षा अभियान चलाने के लिए मिशन पर तैनात हैं.’’

 

हौथी ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमलों के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि वह आगे के उपायों को निर्देशित करने में संकोच नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘इन लापरवाह हमलों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया एकजुट और दृढ़ रही है.’’

जयशंकर और अमीर-अब्दुल्लाहियन के चाबहार बंदरगाह के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर भी विचार-विमर्श करने की संभावना है. ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित, चाबहार बंदरगाह कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है.

भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है, खासकर अफगानिस्तान से इसकी कनेक्टिविटी के लिए. 2021 में ताशकंद में एक कनेक्टिविटी सम्मेलन में, जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को अफगानिस्तान सहित एक प्रमुख क्षेत्रीय पारगमन केंद्र के रूप में पेश किया.

चाबहार बंदरगाह को अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) परियोजना के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी देखा जाता है, जो भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी मल्टी-मोड परिवहन परियोजना है.

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने राजनीतिक मामलों के लिए ईरानी उप विदेश मंत्री अली बघेरी कानी के साथ भारत-ईरान विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) की बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए नवंबर में तेहरान का दौरा किया था.

 

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