जम्मू. भारत और पाकिस्तान ने हाल ही में नियंत्रण रेखा पार से हुई गोलीबारी की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शुक्रवार को फ्लैग मीटिंग की. इस मीटिंग का उद्देश्य हाल ही में नियंत्रण रेखा पार से हुई गोलीबारी और एक आईईडी विस्फोट के बाद तनाव को कम करना था, जिसमें एक कैप्टन सहित दो सैनिकों की जान चली गई थी.
अधिकारियों ने कहा कि ब्रिगेड कमांडर स्तर की बैठक पुंछ में चाकन दा बाग क्रॉसिंग पॉइंट पर आयोजित की गई थी. उन्होंने बताया, “दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सीमाओं पर शांति और स्थिरता बनाए रखना आवश्यक है. लगभग 75 मिनट तक चली यह बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्ष सीमा पर शांति के लिए संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करने पर सहमत हुए.’’
अधिकारियों ने कहा कि 25 फरवरी, 2021 को संघर्ष विराम समझौते के नवीनीकरण के बाद से जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर उल्लंघन दुर्लभ हो गया है. 11 फरवरी को अखनूर सेक्टर में शहीद हुए दो भारतीय सेना के जवानों के अलावा पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में दो अन्य जवान घायल हो गए. भारतीय सेना ने पुंछ सेक्टर में सीमा पार से की गई गोलीबारी का जवाब दिया और रिपोर्टों से पता चला है कि पाकिस्तान की ओर से भी लोग हताहत हुए हैं. इस सर्दी में कम बर्फबारी के कारण घुसपैठ के खुले रास्ते होने के कारण सेना और सुरक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में कड़ी सतर्कता बरती है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर पर दो सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता की, जिसमें सुरक्षा बलों को शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करने और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता अपनाने का निर्देश दिया.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी श्रीनगर और जम्मू में दो सुरक्षा बैठकों की अध्यक्षता की, जिसमें अधिकारियों से आतंकवादियों, उनके ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (ओजीएल) और समर्थकों को निशाना बनाकर आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने का आग्रह किया.