Finance Ministry deploys special team to monitor opium licenses after questions raised on social media
भोपाल
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अफीम लायसेंस जारी करने में सोशल मीडिया पर उठी गड़बड़ी की आशंका पर खास तौर पर गौर किया है. इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए निगरानी दल भी तैनात कर दिया है.
मध्य प्रदेश के मंदसौर संसदीय क्षेत्र के बड़े हिस्से में अफीम की खेती की जाती है, इसके लिए नारकोटिक्स विभाग लायसेंस जारी करता है. इस मामले को लेकर क्षेत्रीय सासंद सुधीर गुप्ता ने नारकोटिक्स आयुक्त ग्वालियर को पत्र लिखा. सांसद के इस पत्र के साथ जागरूक नागरिक जिनेंद्र सुराना ने एक्स पर अपनी राय जाहिर की और सांसद के पत्र का हवाला देते हुए लिखा कि नारकोटिक्स आयुक्त ग्वालियर को सांसद गुप्ता ने पत्र लिखकर अफीम उत्पादक किसानों को धीमी गति से लायसेंस जारी करने की बात कही है. साथ में यह भी कहा है कि लाइसेंस देने की इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए और ‘लेनदेन‘की शिकायतें नहीं मिलें.
सुराना ने आगे लिखा कि इस पत्र से यह स्पष्ट है कि जरूर कुछ तो दाल में काला है. सांसद की यह भी मजबूरी है कि वे अपनी सरकार के एक विभाग के विरुद्ध खुलकर आरोप कैसे लगाएं. इसलिए उन्होंने सिर्फ इशारे में अपनी बात कही है.
यहां हम आप को बता दें कि यह एक्स पर टिप्पणी रविवार की रात को नौ बजे की गई और महज 12 घंटों में सोमवार की सुबह आठ बजे सुराना को वित्त मंत्रालय का जवाब मिला. जिससे साफ जाहिर होता है कि मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया गया है.
वित्त मंत्रालय ने अपने जवाब में लिखा है, "अनुमानतः 1,07,000 पात्र कृषक हैं. अब तक 85,000 किसानों ने लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है और लगभग 60,000 लाइसेंस जारी किए गए हैं. 20 से अधिक वर्षों के बाद 16,000 को दोबारा लाइसेंस मिल रहा है. वे लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग निश्चित रूप से आवश्यक कदम उठाएगा और प्रक्रिया में तेजी लाएगा और पारदर्शिता बनाए रखेगा."
आगे कहा गया है कि दिल्ली से वरिष्ठ अधिकारियों को भी सीबीएन साइट का दौरा करने और प्रक्रिया की समग्र निगरानी सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया गया है. वित्त मंत्रालय के इस जवाब को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने भी री पोस्ट किया है.
वित्त मंत्रालय की सजगता पर सुराना ने कहा कि अभी तक तो रेलवे को लेकर यह कहा जाता था कि वह सोशल मीडिया की शिकायत को गंभीरता से लेता है, मगर वित्त मंत्रालय की इस त्वरित कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि सरकार के अन्य विभाग भी सोशल मीडिया पर आने वाली शिकायत पर आवश्यक कदम उठाते हैं.