जम्मू-कश्मीर की डल झील में प्रसिद्ध चिनार बोट रेस का आयोजन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 23-11-2024
Famous Chinar Boat Race held in Dal Lake of Jammu and Kashmir
Famous Chinar Boat Race held in Dal Lake of Jammu and Kashmir

 

श्रीनगर
 
जम्मू-कश्मीर की डल झील में शनिवार को सेना द्वारा प्रसिद्ध चिनार बोट रेस 2024 का आयोजन किया गया. सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि व्हाइट ग्लोब एनजीओ और झील संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एलसीएमए) के सहयोग से बहुप्रतीक्षित चिनार बोट रेस 2024 का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया.
 
घाट नंबर 23 से चार चिनार तक और वापस हुई यह रेस एक शानदार आयोजन था, जिसमें कश्मीर की समृद्ध संस्कृति और परंपरा का जश्न मनाया गया, साथ ही डल झील के संरक्षण प्रयासों को भी बढ़ावा दिया गया. इस आयोजन में 60 नौकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए जमकर प्रतिस्पर्धा की. रेस के विजेता को 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रतिष्ठित ट्रॉफी प्रदान की गई. दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वालों को क्रमशः 7,500 रुपये और 5,000 रुपये दिए गए," प्रवक्ता ने कहा.
 
प्रवक्ता ने कहा कि शीर्ष 20 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार वितरित किए गए, जिसमें उनके प्रयासों और आयोजन में भागीदारी को मान्यता दी गई.
 
चिनार बोट रेस 2024 का उद्देश्य न केवल प्रतिभागियों की एथलेटिकता और प्रतिस्पर्धी भावना को उजागर करना था, बल्कि कश्मीर के जल निकायों की सुरक्षा के महत्व को भी उजागर करना था.
 
प्रवक्ता ने कहा, "भारतीय सेना, व्हाइट ग्लोब और एलसीएमए के बीच सहयोग ने पारंपरिक खेलों के माध्यम से सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देते हुए डल झील के पारिस्थितिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया."
 
सेना द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "इस आयोजन में बड़ी संख्या में दर्शक आए, जिसमें स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करने के लिए डल झील के किनारे खड़े थे. यह क्षेत्र की जीवंत संस्कृति और लोगों और कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता के बीच मजबूत बंधन का प्रमाण था."
 
सेना जम्मू-कश्मीर में सौहार्दपूर्ण और करीबी सेना-जनता संबंध बनाने के अपने प्रयास के तहत खेल और मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित करती रही है.
 
इससे सेना को भूकंप, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान शांति के समय लोगों की बेहतर सेवा करने में मदद मिली है और स्थानीय युवाओं को सेना में शामिल होकर सम्मानजनक पेशा अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है.