"चश्मदीदों से बारीकी से पूछताछ की जा रही है:" एनआईए ने पहलगाम हमले की जांच तेज की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 27-04-2025
"Eyewitnesses being questioned in minute detail:" NIA intensifies probe into Pahalgam attack

 

नई दिल्ली 

23 अप्रैल से पहलगाम आतंकी हमले की जगह पर तैनात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीमों ने सबूतों की तलाश तेज कर दी है. आतंकवाद निरोधी एजेंसी के एक आईजी, डीआईजी और एसपी के नेतृत्व में टीमें उन चश्मदीदों से पूछताछ कर रही हैं, जिन्होंने 22 अप्रैल को हुए हमले को देखा था. इस हमले में एक नेपाली नागरिक सहित 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी और तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे.
 
यह घटना जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास बैसरन घास के मैदान में दोपहर करीब 2 बजे हुई. एनआईए ने एक बयान में कहा, "आतंकवाद निरोधी एजेंसी के एक आईजी, एक डीआईजी और एक एसपी की देखरेख में टीमें उन चश्मदीदों से पूछताछ कर रही हैं, जिन्होंने शांतिपूर्ण और सुरम्य बैसरन घाटी में अपनी आंखों के सामने भयानक हमले को होते देखा था.
 
कश्मीर में सबसे खराब आतंकी हमलों में से एक को अंजाम देने वाले घटनाक्रम को एक साथ जोड़ने के लिए चश्मदीदों से बारीक से बारीक पूछताछ की जा रही है."  एनआईए ने बयान में आगे कहा, "जांच कर रही एनआईए की टीमें आतंकवादियों की कार्यप्रणाली के सुराग के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की बारीकी से जांच कर रही हैं.
 
फोरेंसिक और अन्य विशेषज्ञों की सहायता से टीमें, देश को झकझोर देने वाले इस भयानक हमले को अंजाम देने वाली आतंकी साजिश को उजागर करने के लिए सबूतों की तलाश में पूरे इलाके की गहन जांच कर रही हैं." एनआईए की टीमें आतंकवादियों की कार्यप्रणाली के सुराग के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की बारीकी से जांच कर रही हैं.
 
जबकि फोरेंसिक और अन्य विशेषज्ञ देश को झकझोर देने वाले इस भयानक हमले के पीछे आतंकी साजिश को उजागर करने के लिए सबूतों की तलाश में पूरे इलाके की गहन तलाशी ले रहे हैं. साथ ही, पहलगाम में हुए हमले के बाद आतंकवादियों को बेअसर करने के लिए भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है और कई तलाशी अभियान चला रही है. इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है और पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.  
 
हालिया हमले पर कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, द्विपक्षीय संबंधों को कमतर कर दिया और अटारी चेकपोस्ट को बंद कर दिया, क्योंकि उसने इस निर्लज्ज हमले के लिए इस्लामाबाद पर पलटवार किया.