विदेश मंत्री एस जयशंकर दोहा फोरम में भाग लेने के लिए कतर जाएंगे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 07-12-2024
External Affairs Minister S Jaishankar to visit Qatar to attend Doha Forum
External Affairs Minister S Jaishankar to visit Qatar to attend Doha Forum

 

नई दिल्ली.एस जयशंकर कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी के निमंत्रण पर दोहा फोरम में भाग लेने के लिए 6-7 दिसंबर को दोहा, कतर का दौरा करेंगे, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह ‘नवाचार अनिवार्यता’ विषय पर दोहा फोरम का 22वां संस्करण है.

यात्रा के दूसरे चरण के दौरान, विदेश मंत्री 8-9 दिसंबर को बहरीन जाएंगे, जहां वे बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अल जायनी के साथ चौथे भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग (एचजेसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे. इस मंत्रिस्तरीय बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की जाएगी तथा भारत और बहरीन के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी.

विदेश मंत्री 8 दिसंबर को बहरीन में आईआईएसएस मनामा वार्ता के 20वें संस्करण में भी भाग लेंगे. इस वर्ष मनामा वार्ता का विषय ‘क्षेत्रीय समृद्धि और सुरक्षा को आकार देने में मध्य पूर्व नेतृत्व’ है.

इससे पहले 9 सितंबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सऊदी अरब में कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी के साथ बैठक की थी. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. कतर के प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक के बारे में जानकारी साझा करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एमबीए अल थानी के साथ अच्छी बैठक के साथ दिन की शुरुआत हुई. भारत-कतर द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. क्षेत्रीय विकास पर उनकी अंतर्दृष्टि और आकलन की सराहना की.’’ दोनों नेताओं ने इससे पहले जून में दोहा में बैठक की थी. दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और प्रमुख क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करने पर बातचीत की थी.

जयशंकर ने कतर के प्रधानमंत्री तमीम बिन हमद अल थानी और कतर के प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं. उन्होंने भारत-कतर संबंधों की मजबूत प्रकृति को रेखांकित किया और राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान में सहयोग पर जोर दिया.