नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर 8 से 9 सितंबर, 2024 तक सऊदी अरब के रियाद की यात्रा करेंगे, जहां वे पहली भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे. विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस यात्रा के दौरान, उनके जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है.
भारत और जीसीसी के बीच राजनीतिक, व्यापार और निवेश, ऊर्जा सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों सहित कई क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं. विशेष रूप से, जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार के रूप में उभरा है और यहां लगभग 8.9 मिलियन की संख्या में एक बड़ा भारतीय प्रवासी समुदाय रहता है. विदेश मंत्रियों की बैठक विभिन्न क्षेत्रों में भारत और जीसीसी के बीच संस्थागत सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का अवसर होगी.
यात्रा के दूसरे चरण में, जयशंकर 10 से 11 सितंबर, 2024 तक दो दिवसीय यात्रा के लिए बर्लिन, जर्मनी जाएंगे. यह बर्लिन की उनकी तीसरी द्विपक्षीय यात्रा होगी. विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत और जर्मनी दोनों एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं और जर्मनी भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है और सबसे बड़े विदेशी प्रत्यक्ष निवेशकों में से एक है.
यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री जर्मन संघीय विदेश मंत्री के साथ-साथ जर्मन सरकार के नेतृत्व और अन्य मंत्रियों से मुलाकात करेंगे. यात्रा का उद्देश्य भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण दायरे की समीक्षा करना होगा.
इसके बाद विदेश मंत्री 12 से 13 सितंबर, 2024 तक आधिकारिक यात्रा के लिए जिनेवा, स्विट्जरलैंड की यात्रा करेंगे. विशेष रूप से, जिनेवा बड़ी संख्या में संयुक्त राष्ट्र निकायों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का घर है. विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि यात्रा के दौरान, जयशंकर उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे जिनके साथ भारत सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है.
यात्रा के दौरान विदेश मंत्री स्विस विदेश मंत्री से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी की समीक्षा की जाएगी तथा द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने के अवसर तलाशे जाएंगे.
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