नई दिल्ली. विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (वीआईएफ) ने ‘बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के कभी न खत्म होने वाले उत्पीड़न’ शीर्षक से एक प्रदर्शनी और पैनल चर्चा की मेजबानी की, जिसमें बांग्लादेश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों द्वारा सामना किए जाने वाले प्रणालीगत भेदभाव और हिंसा पर प्रकाश डाला गया. नई दिल्ली के वीआईएफ ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में बांग्लादेश में सामने आ रहे तत्काल मानवाधिकार संकट पर चर्चा करने के लिए प्रतिष्ठित विशेषज्ञ, राजनयिक और पत्रकार एक साथ आए.
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), श्री अजीत डोभाल की उपस्थिति थी. एनएसए ने प्रदर्शनी का दौरा किया और पैनल चर्चा में भाग लिया, जिससे बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर भारत की गहरी चिंता रेखांकित हुई.
पैनल में राजदूत सतीश चंद्रा, पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और वीआईएफ के उपाध्यक्षय राजदूत वीना सीकरी, बांग्लादेश में पूर्व उच्चायुक्त, फ्रांस्वा गौटियर, वैल्यूर्स एक्टुएल्स के संवाददाता और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष और ट्रस्टी डॉ. अनिरबन गांगुली शामिल थे, और इसकी अध्यक्षता वीआईएफ के निदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता ने की.
प्रदर्शनी का उद्घाटन वक्ताओं द्वारा किया गया, जिसके बाद पैनल चर्चा पर ध्यान केंद्रित किया गया. प्रत्येक वक्ता ने अत्यधिक इस्लामीकृत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ऐतिहासिक और चल रहे उत्पीड़न पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की, संकट के सामाजिक-राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय आयामों की जांच की.
फैक्ट (फाउंडेशन अगेंस्ट कंटीन्यूइंग टेररिज्म) द्वारा क्यूरेट की गई प्रदर्शनी में बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्ध, ईसाइयों और अहमदिया मुसलमानों सहित मानवाधिकारों के उल्लंघन, जबरन विस्थापन और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों का आकर्षक दृश्य दस्तावेजीकरण किया गया. प्रदर्शनी का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर चर्चा को प्रोत्साहित करना था.