फ़ज़ल पठान
महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग ने राज्य भर में अंतर्राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस मनाने के लिए एक परिपत्र की घोषणा की है. इस परिपत्र से अल्पसंख्यक दिवस के अवसर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. आयोग ने एक सर्कुलर के जरिये राज्य प्रशासन को इस संबंध में निर्देश दिये हैं.
अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए प्रशासन द्वारा विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. इसी के तहत राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने प्रशासन को उचित निर्देश जारी किये हैं. इसमें अल्पसंख्यक दिवस मनाने के लिए कक्षा 11 से स्नातक तक के विद्यार्थियों के लिए भाषण प्रतियोगिता एवं व्याख्यान श्रृंखला एवं चर्चा सत्र का आयोजन किया जाएगा.
आयोग ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि कलेक्टर कार्यालय के माध्यम से सामाजिक सेवा संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की मदद से अल्पसंख्यक समुदाय को उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.
इन गतिविधियों पर होने वाला खर्च राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के माध्यम से किया जाएगा. इसके लिए दस हजार की राशि का अनुदान दिया गया है. अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों में दस हजार से अधिक खर्च होने पर आयोग ने खर्च का ब्योरा मांगा है . आयोग द्वारा संबंधित खर्चों का विवरण प्राप्त होने के बाद संबंधित राशि आयोग के माध्यम से वापस कर दी जाएगी.
अल्पसंख्यक दिवस के अवसर पर गतिविधियाँ संचालित करने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों की है
अल्पसंख्यक आयोग ने 18 दिसंबर को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस के अवसर पर जिले में विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को दी है . इसके लिए उन्हें जिला स्तरीय कमेटी बनानी चाहिए. साथ ही सरकार की ओर से जारी जीआर में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने और रिपोर्ट आयोग को भेजने का अनुरोध किया गया है.
कुछ दिन पहले अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समुदाय के कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि प्रशासनिक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस धूमधाम से मनाया जाना चाहिए. इस मांग को लेकर देश के विभिन्न मुस्लिम संगठनों और कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर को बयान दिया था.
मुस्लिम कार्यकर्ताओं की मांग सफल रही और राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक दिवस मनाने को लेकर निर्णय की घोषणा कर दी है. राज्य सरकार के इस फैसले से अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है.
सरकार द्वारा जारी परिपत्र के बारे में बात करते हुए, राष्ट्रवादी कांग्रेस के अल्पसंख्यक वर्ग के सांगली शहर जिला अध्यक्ष मुनीर मुल्ला कहते हैं, “राज्य और देश के मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने अल्पसंख्यक दिवस मनाने के लिए प्रशासन को ज्ञापन दिया था. आज महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने इस संबंध में जीआर जारी किया है. यह फैसला अल्पसंख्यकों के लिए महत्वपूर्ण है और मुस्लिम समुदाय इस फैसले का स्वागत करता है.”
वह आगे कहते हैं, ''अल्पसंख्यक दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे. इस कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को भाग लेना चाहिए. इस कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों को अपने सवाल और समस्याएं सरकार के सामने रखनी चाहिए। तभी अल्पसंख्यक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम अल्पसंख्यक समुदाय के समग्र उत्थान में मदद करेगा.”
अंतर्राष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस
1992 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने के लिए 18 दिसंबर का दिन चुना. उस समय संयुक्त राष्ट्र ने कहा था, 'संबंधित देशों को अल्पसंख्यकों की संस्कृति, धर्म और अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए.
इससे अल्पसंख्यक सुरक्षित महसूस करेंगे और उनके अस्तित्व को खतरा नहीं होगा.' तदनुसार, अंतर्राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस हर साल 18 दिसंबर को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य दुनिया भर में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना और संवैधानिक अधिकारों के बारे में अल्पसंख्यक समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करना है.