चुनाव 2024: झारखंड और महाराष्ट्र में किस की बनेगी सरकार, आज होगा फैसला

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-11-2024
Elections 2024: Who will form the government in Jharkhand and Maharashtra, it will be decided today
Elections 2024: Who will form the government in Jharkhand and Maharashtra, it will be decided today

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

 महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम आज घोषित होंगे. वोटों की गिनती 8 बजे से शुरू हो गई. महाराष्ट्र की 288 और झारखंड की 81 सीटों के नतीजे आएंगे.. सुबह 9 बजे से शुरुआती रुझान आने की उम्मीद है, जिससे इन महत्वपूर्ण मुकाबलों के नतीजों की झलक दिखेगी.

इसके साथ ही 13 राज्यों की 48 विधानसभा क्षेत्रों और दो संसदीय सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे भी शनिवार को घोषित किए जाएंगे.लोकसभा चुनावों में मिली असफलताओं के बाद हरियाणा विधानसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा महाराष्ट्र और झारखंड में निर्णायक जीत की उम्मीद कर रही है.

महाराष्ट्र में पार्टी एनसीपी के अजित पवार गुट और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ गठबंधन में है.इस बीच, कांग्रेस और उसके इंडिया ब्लॉक सहयोगी झारखंड को बरकरार रखने और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन से सत्ता छीनने का दावा कर रहे हैं.

48 विधानसभा उपचुनावों और दो हाई-प्रोफाइल संसदीय क्षेत्रों: महाराष्ट्र में नांदेड़ और केरल में वायनाड के नतीजे घोषित किए जाएंगे.वायनाड कांग्रेस के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई है, क्योंकि प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनावी पदार्पण पर सबकी निगाहें टिकी हैं.

288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को एक चरण में चुनाव हुए थे, जिसमें 66.05 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि मुंबई जैसे शहरी केंद्रों में 52.65 प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं आदिवासी बहुल गढ़चिरौली में 70 प्रतिशत मतदान हुआ.

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार के एनसीपी गुट से मिलकर बना सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहा है. दूसरी ओर, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) - कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी का गठबंधन - वापसी के लिए कड़ी टक्कर दे रहा है.

हॉट सीटों की बात करे तो सबकी निगाहें वर्ली पर टिकी होंगी, जहां शिवसेना (यूबीटी) के वंशज आदित्य ठाकरे, जो वर्तमान में शिंदे सेना के मिलिंद देवड़ा का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा बारामती में, अजीत पवार और एनसीपी (एसपी) से उनके भतीजे युगेंद्र पवार के बीच मुकाबला है.

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नागपुर दक्षिण पश्चिम के अपने गढ़ में कांग्रेस उम्मीदवार प्रफुल गुडाधे से कड़ी चुनौती मिल सकती है.2019 के चुनावों में भाजपा 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

अपने तत्कालीन सहयोगी शिवसेना के साथ मिलकर इसने 161 सीटों का बहुमत हासिल किया था. हालांकि, शिवसेना ने भाजपा से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया, जिससे उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री के रूप में महा विकास अघाड़ी सरकार बनी..

एमवीए गठबंधन का कार्यकाल 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद समाप्त हो गया, जिन्होंने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई.तीन एग्जिट पोल का अनुमान है कि महायुति गठबंधन दूसरी बार सत्ता में वापसी कर सकता है और उसे करीब 158 सीटें मिल सकती हैं, जो बहुमत के 145 सीटों के आंकड़े से काफी ऊपर है.

झारखंड की बात करें तो 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में हुए चुनावों में रिकॉर्ड 67.74 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2000 में राज्य के गठन के बाद सबसे अधिक है.झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व में सत्तारूढ़ इंडिया ब्लॉक दूसरी बार सत्ता में बने रहने के लिए प्रयासरत है.

हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए सत्ता विरोधी लहर और भ्रष्टाचार के आरोपों का लाभ उठाकर सत्ता पर काबिज होने के लिए दृढ़ संकल्प है.झारखंड में जोरदार प्रचार हुआ, जिसमें भाजपा ने जेएमएम के नेतृत्व वाली सरकार पर भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गठबंधन ने कल्याणकारी वादों और केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग की आलोचना के साथ जवाब दिया.

देखने लायक मुख्य निर्वाचन क्षेत्र बरहेट है, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मुकाबला भाजपा के गमलियान हेम्ब्रोम से है, और गांडेय, जहां उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का मुकाबला भाजपा की मुनिया देवी से है.सरायकेला में, झामुमो के पूर्व नेता चंपई सोरेन का मुकाबला भाजपा से अलग हुए गणेश महाली से है, जो अब झामुमो में शामिल हो गए हैं..

इस बीच, जामताड़ा में कांग्रेस नेता इरफान अंसारी और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन के बीच हाई-प्रोफाइल मुकाबला देखने को मिलेगा.उत्तर प्रदेश (9 सीटें), राजस्थान (7), पश्चिम बंगाल (6), केरल (2), मध्य प्रदेश (2) और सिक्किम (2) में हो रहे विधानसभा उपचुनाव भी महत्वपूर्ण हैं. ये मुकाबले न केवल क्षेत्रीय दलों की परीक्षा लेंगे, बल्कि मतदाताओं की भावनाओं की भी झलक दिखाएंगे.