उत्तर प्रदेश चमड़ा और फुटवियर नीति-2025 का मसौदा तैयार, जल्द लागू करने की तैयारी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-04-2025
Draft of Uttar Pradesh Leather and Footwear Policy-2025 is ready, preparations to implement it soon
Draft of Uttar Pradesh Leather and Footwear Policy-2025 is ready, preparations to implement it soon

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली


 

 उत्तर प्रदेश सरकार ने नयी चमड़ा और फुटवियर नीति-2025 का मसौदा तैयार कर लिया है और इसे जल्द ही लागू करने की तैयारी कर रही है.
 
सरकार ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि नयी नीति का मसौदा तैयार हो चुका है और मंजूरी का इंतजार है. उम्मीद है कि इस नीति से उत्तर प्रदेश के एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को बढ़ावा मिलेगा.
 
राज्य को 'उद्यम प्रदेश' में बदलने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृष्टिकोण के अनुरूप नीति का उद्देश्य उत्पादन को बढ़ाना, निर्यात को बढ़ावा देना, चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र में वैश्विक ब्रांड की उपस्थिति को बढ़ाना और राज्य के राजस्व में वृद्धि करना है. बयान में कहा गया है कि पहले से ही भारत और विश्व स्तर पर चमड़ा और फुटवियर निर्यात के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में विख्यात कानपुर इस रणनीतिक प्रयास में केंद्रीय भूमिका निभाएगा.
 
सरकार ने कहा, “नयी नीति से चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी और राज्य में निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा. ऐसे पार्कों में निवेश करने वाले डेवलपर्स को पूंजीगत सब्सिडी और 100 प्रतिशत स्टांप शुल्क छूट समेत आकर्षक प्रोत्साहनों का लाभ मिलेगा.” नीति के तहत 25-100 एकड़ में विकसित पार्कों को 45 करोड़ रुपये तक की पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी, 100 एकड़ से अधिक के पार्कों को 80 करोड़ रुपये तक की पूंजीगत सब्सिडी मिल सकती है.
 
सरकार ने कहा कि सभी पार्कों को पांच साल में तैयार किया जाना चाहिए और कम से कम 25 प्रतिशत भूमि को हरे व खुले स्थानों के लिए आवंटित किया जाना चाहिए. बयान में कहा गया है, “निवेशकों को इकाई (संयंत्र, क्लस्टर या पार्क) की प्रकृति के आधार पर न्यूनतम 150-200 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा, जिससे प्रति इकाई संभावित रूप से 1,000-3,000 नए रोजगार सृजित होंगे। राज्य को उम्मीद है कि प्रत्येक 1 करोड़ रुपये के निवेश पर रोजगार के 20 अवसर सृजित होंगे.” उल्लेखनीय है कि भारत से निर्यात होने वाले कुल चमड़े में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है. आगरा, कानपुर और उन्नाव इसके प्रमुख केंद्र हैं.
 
आगरा को फुटवियर की राजधानी के रूप में जाना जाता है, जबकि कानपुर सुरक्षा जूते, चमड़े के सामान और कपड़ों के लिए एक वैश्विक केंद्र है. बयान में कहा गया है कि लखनऊ और बरेली जैसे उभरते केंद्र भी नयी नीति के तहत तेजी से विकास करेंगे. बयान में कहा गया है कि तमिलनाडु एकमात्र ऐसा राज्य है जिसके पास समर्पित फुटवियर और चमड़ा नीति है, इसलिए उत्तर प्रदेश की पहल इस क्षेत्र में अपने नेतृत्व को मजबूत करने के लिए एक साहसिक व रणनीतिक कदम है. सरकार ने कहा, “उत्तर प्रदेश चमड़ा और जूता नीति-2025 नए अवसरों के द्वार खोलेगी, बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेगी और औद्योगिक विकास को गति देगी, जिससे राज्य के लिए आर्थिक विकास का एक नया युग शुरू होगा.”